पुलिस जांच में पता चला कि वेल्डिंग की एक चिंगारी ने वहां रखे लाखों लीटर केमिकल में आग लगा दी, जो पूरी तरह से नष्ट हो गया। जलता हुआ केमिकल नालियों में बहने लगा, लगता था कि यह एक ज्वालामुखी का लावा है।
दिल्ली की दयाल मार्केट में एक अवैध पेंट फैक्ट्री ने ग्यारह लोगों को ‘लाक्षागृह’ बनाया। गुरुवार देर रात आठ अन्य शवों के जले हुए अवशेष मिले। NDF और दमकल की टीम ने कई घंटे तक जांच की। हादसे में चार लोग झुलस गए हैं, एक पुलिसकर्मी भी शामिल है।
डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमा गैर इरादतन हत्या और गैर इरादतन हत्या की कोशिश की धारा में दर्ज किया गया है। शुरुआत में तीन लोगों की मौत हुई थी, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया। NDF और fire brigade ने खोज शुरू की जब आग पूरी तरह बुझा दी गई। बाद में, फैक्ट्री के मलबे से आठ अन्य शवों के अवशेष मिले। अब तक मिले ग्यारह शवों में फैक्ट्री मालिक के बुजुर्ग पिता भी शामिल हैं। फिलहाल, सभी शवों को बाबू जगजीवन राम अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
शुक्रवार सुबह रोहिणी एफएसएल की टीम और जिले की क्राइम टीम ने घटनास्थल पर जाकर सबूत जुटाए। लेकिन टीम ने जांच के बाद हादसे का कारण बताने को कहा है।
फैक्ट्री मालिक के पिता समेत आठ की पहचान : हादसे में फैक्ट्री मालिक के 62 वर्षीय पिता अशोक कुमार जैन सहित आठ लोगों की मौत हुई है। इसमें विशाल, अनिल ठाकुर, पंकज कुमार, शुभम, मीरा देवी और ब्रिज किशोर हैं। पुलिसकर्मी ने कहा कि परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
लपटें आसमान छू रही थी : तीनों तरफ से घिरे दो सौ गज के प्लॉट में थिनर और अन्य केमिकल भरा हुआ था, जो दयाल मार्केट की घनी रिहायशी आबादी में था। आग लगने से मौत हो गई। दीवार के चारों ओर लपटें छू रही थीं। पेंट की फैक्ट्री करीब १५-१६ साल से खाली प्लॉट में टीन डालकर चल रही थी। यहाँ रंगों का मिश्रण किया जाता है।
जेसीबी से दीवारें तोड़कर तलाशी ली :इमारत के प्रवेश द्वार पर आग लग गई, इसलिए बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था। इसलिए हर कोई अंदर फंस गया। जेसीबी ने इस इमारत को तलाशी अभियान के लिए तोड़ा। एनडीआरएफ ने आठ शवों के अवशेषों को इमारत के पिछले हिस्से से निकाला। इन लोगों को संभलने का मौका भी नहीं मिला होगा। बाहरी भाग में फैक्टरी मालिक के पिता सहित तीन लोगों के शव थे।
सनसनीखेज : लाखों लीटर थिनर ने तबाही मचाई पुलिस जांच में पता चला कि वेल्डिंग की एक चिंगारी ने वहाँ रखे लाखों लीटर थिनर और अन्य ज्वलनशील पदार्थों में आग लगा दी, जो पूरी तरह से नष्ट हो गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि आग लगने पर नालियों में केमिकल बहने लगा, जिससे लगता था कि एक ज्वालामुखी का लावा फट गया है..।
200 गज के प्लॉट में काम चल रहा था 200 गज का खाली प्लॉट अलीपुर की दयाल मार्केट में पेंट की फैक्ट्री चल रही थी. इसमें टीन लगाया गया था। पेंट को मिक्स करने के कारण इसमें थिनर सहित कई ज्वनशील केमिकल मौजूद थे।
गेट के पास धमाका, इसलिए फंस गए फैक्ट्री में एक ही प्रवेशद्वार है। वह सिर्फ वेल्डिंग करता था। उससे उठी चिंगारी से पूरा गोदाम जल गया। लोगों को भागने का कोई मौका तक नहीं मिला।
पीछे थे सभी 11 लोग, जिंदा जल गए हादसे में मरने वाले सभी ग्यारह लोग फैक्ट्री में मौजूद थे। मुख्य गेट से आग तेजी से फैली। उन्हें बाहर भागने का कोई मौका नहीं मिला और वे सब जिंदा जल गए। जब तक आसपास के लोग पहुंचे, हर कोई आग की चपेट में आ गया था।
सामने मौजूद घर और दुकानें भी जलीं फैक्ट्री में इतना केमिकल था कि आग लगते ही आसपास के घरों और दुकानों तक लपटें पहुंच गईं। इससे कई घर और दुकान प्रभावित हुए। मुझे खेद है कि आग पूरे क्षेत्र में नहीं फैली।
वेल्डिंग की चिंगारी से भड़की आग नजदीकी लोगों ने बताया कि फैक्ट्री के गेट पर वेल्डिंग का काम चल रहा था। उस समय फैक्ट्री मालिक के पिता और दो कर्मचारी उपस्थित थे। वेल्डिंग से निकली चिंगारी ने आग पकड़ ली और पूरी फैक्ट्री में थिनर हो गई। वेल्डिंग कर रहा व्यक्ति भी बाहर भागने के बजाय अंदर घुस गया और चपेट में आ गया। अत्यधिक ज्वलनशील थिनर-केमिकल के कारण इमारत एक आग के कुएं बन गई।
बैरिकेड्स से दमकल को दिक्कत किसान आंदोलन ने दमकल की गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में बाधा डाली है। दमकल कर्मचारी ने बताया कि दुर्घटना के समय भोरगढ़ में भी आग लगी थी। स्थानीय टीम इसलिए भोरगढ़ गई। इस बीच दयाल मार्केट में भीषण आग लगी। इसके लिए जहांगीरपुरी से गाड़ी बुलाई गई, लेकिन किसान आंदोलन के सड़क पर बैरिकेड्स के चलते जाम का सामना करना पड़ा। इसलिए पहुंचने में समय लग गया।
गली में खड़ी गाड़ियां और नशा मुक्ति केंद्र भी आग की भेंट चढ़ा हादसे के बाद पूरी गली में जली हुई बाइक और ड्रम के टुकड़े बताते हैं। मालिक की क्षतिग्रस्त कार भी फैक्ट्री के पास खड़ी थी। जैसा कि प्रत्यक्षदर्शी श्याम सुंदर ने बताया, अचानक हुए विस्फोट से आग फैल गई। केमिकल बहने से आग नालियों में फैल गई और आसपास के घरों और दुकानों में धुआं निकला। ग्राउंड फ्लोर पर लगभग 900 वर्ग गज क्षेत्र में सब कुछ जल गया। फैक्ट्री के ठीक सामने स्थित नशाखोरी केंद्र भी पूरी तरह से जल गया। अब तक की जांच में चार घरों का सामान, एक दर्जन दुकानों और एक नशामुक्त केंद्र जल गया है।
दो सौ लीटर का ड्रम तीन मंजिला छत पर गिरा विस्फोट इतना भयंकर था कि सामने की तीन मंजिला इमारत पर दो सौ लीटर का ड्रम गिर गया। इमारत में रहने वाले लोगों को इसमें केमिकल मिलने से घबराहट हुई। मकान मालिक श्याम सुंदर ने बताया कि वे पत्नी और पोता-पोती के साथ बाहर निकल गए, जबकि बेटा-बहू दूसरे घर की छत पर कूदकर बाहर निकले।
छह मृतकों के परिजन सामने आए घटनास्थल पर मौजूद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक छह परिवार सामने आए हैं। इन्होंने अपने रक्तसंबंधी हादसे के बाद गायब होने और मरने की आशंका जताई थी। पुलिस ने इनके बयान दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
डीएनए जांच के बाद मिलेगी लाश पुलिस ने बताया कि शवों को पूरी तरह से जला दिया गया है, इसलिए उनकी पहचान नहीं हो सकती है। इसलिए, मुंडका अग्निकांड की तरह उनका डीएनए परीक्षण होगा। अब रक्त संबंधियों के डीएनए नमूने शनिवार को एफएसएल रोहिणी भेजे जाएंगे। मृतकों के परिजनों को उनके शवों को लेने के लिए भटकते देखा गया।