कांग्रेस ने घोषणापत्र में यह बड़ा घोषणा करते हुए लोकसभा चुनाव 2024 में जीत के लिए नया दांव शुरू किया

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के घोषणापत्र की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता करके कहा कि वह चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले घोषणापत्र जारी करेगी। पार्टी ने जनता से उनके चुनावी घोषणा पत्र में क्या होना चाहते हैं, इसके बारे में भी विचार मांगे हैं। इसके लिए आप आम आदमी कांग्रेस की भारत वेबसाइट से जुड़ सकते हैं। आप ईमेल के माध्यम से भी अपने सुझाव दे सकते हैं। कांग्रेस 90 करोड़ लोगों से फोन पर सुझाव लेना भी चाहती है।

प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस की नेत्री सुप्रिया सीनेट ने बताया कि आवाज भारत की वेबसाइट डॉट इन पर जाकर दो तरह से सुझाव मिल सकते हैं। उन् होंने कहा कि क्लिक करने पर आपसे नाम, फोन नंबर और पिन कोड पूछा जाएगा। ओ.टी.पी डालने के बाद आप अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। सुप्रिया सीनेट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा जनता की बात सुनती है। हम चाहते हैं कि मेनिफेस्टो जनता के मुद्दों पर आधारित हो और जनता के विचारों से ही बनाया जाएगा। उन् होंने बताया कि आप इस वेबसाइट पर अपने सुझाव दे सकते हैं।

15 सदस्यों के चुनावों की समीक्षा

छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र बनाने के लिए एक समिति बनाई गई है। मैं और समिति के चेयरपर्सन पी. चिदंबरम दोनों संयोजक हूं। हमारे समिति में अन्य 15 सदस्य भी हैं। समिति के सदस्यों ने दो राज्यों का नाम बताया है, जहां वे जाकर अपने विचार व्यक्त करेंगे।

हर वर्ग से सुझाव मांगे गए

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम ने बताया कि लोकसभा चुनाव का घोषणापत्र बनाने के लिए एक समिति बनाई गई है। देश भर से लोगों से सुझाव मांगे गए हैं; यह लोगों का घोषणापत्र होगा और हर राज्य से सुझाव मांगे जाएंगे। ईमेल से सुझाव मांगने की भी आज से शुरुआत होगी। इसके अलावा, लोगों को वेबसाइट के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इसमें महिलाएं, युवा, किसान और समाज का हर वर्ग अपनी राय देगा।

चिदम्बरम ने कहा कि हर राज्य के लोगों से एक बार चर्चा होगी, और कुछ राज्यों में ज्यादा बार भी हो सकती है। उनका कहना था कि चुनाव घोषित होने से पहले घोषणापत्र बनाया जाएगा। 15 फरवरी तक आंतरिक घोषणा-पत्र बनाना लक्ष्य है। सीडीसीपी घोषणा-पत्र समिति के सुझाव को पास करेगा और सीआरपी कानून में हाल ही में किए गए बदलाव को भी घोषणा-पत्र में ले सकता है।

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