
नई दिल्ली में, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार की कम्प्यूटरीकरण परियोजना का शुभारंभ किया।
इस मौके पर श्री शाह ने बताया कि ग्रामीण विकास बैंकों और सहकारी समितियों की कम्प्यूटरीकरण परियोजना का उद्देश्य 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 1851 इकाइयों को एकीकृत करना और उन्हें राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर के माध्यम से नाबार्ड के साथ जोड़ना है। उन्होंने कहा कि कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों में सहकारिता मंत्रालय की इस पहल से परिचालन दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ेगी। श्री शाह ने कहा कि इस कदम का लक्ष्य लेनदेन खर्च को कम करना है, किसानों को ऋण देने की सुविधा देना है और योजनाओं की बेहतर निगरानी और मूल्यांकन करना है। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण विकास बैंकों और सहकारी समितियों को जमीनी स्तर पर प्राथमिक कृषि ऋण समितियों से जुड़े छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा।
श्री शाह ने कहा कि सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के कार्यालयों को कंप्यूटराइज करने से अधिक दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता मिलेगी। उनका कहना था कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण करने के लिए 225 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
श्री शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय की स्थापना से सहकारी क्षेत्र में बहुत बदलाव हुआ है। सहकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा और सहकारिता सचिव ज्ञानेश कुमार इस अवसर पर उपस्थित थे। आज के कार्यक्रम में 1200 से अधिक लोगों ने भाग लिया।