बच्चों में इन पांच संकेतों को देखकर पता चलेगा कि उनकी दृष्टि कमजोर हो गई है!

दृष्टिहीन लक्षणों में बच्चे: छोटे बच्चों को हर समय ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर उनकी आंखों को लेकर, क्योंकि इससे आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है।
दृष्टिहीन लक्षणों में बच्चे: हम सभी जानते हैं कि आंखों की रोशनी बढ़ती उम्र में कम होने लगती है, लेकिन कभी-कभी बचपन में ही आंखें कमजोर हो जाती हैं, और आप अक्सर सुनते हैं कि कम उम्र में आंखें कमजोर हो गई हैं। विजुअल डेवलपमेंट की समस्या, जिसे एम्ब्लियोपिया (Amblyopia) भी कहते हैं, बचपन में ही होती है और जन्म के बाद भी हो सकती है। इससे बच्चों की आंखों की रोशनी कम हो जाती है। यदि समय पर इलाज नहीं लिया जाता है, तो आंखों में हमेशा के लिए धुंधलापन हो सकता है, क्योंकि दिमाग धीरे-धीरे चित्रों और चित्रों को दिखाने से मना करने लगता है।
दृष्टि कमजोर होने के लक्षण
बोर्ड पर लिखे शब्द पढ़ने में मुश्किल
यदि बच्चों के शिक्षक बताते हैं कि उन्हें दूर से या अंतिम बेंच से बोर्ड पढ़ने में मुश्किल हो रही है, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए। जैसे, बच्चा अचानक बोर्ड देखकर भी गलत पढ़ सकता है और जरूरी बातें नोट नहीं कर सकता है।
TV के सामने बैठना
यह संभव है कि बच्चा टीवी के बहुत करीब बैठा है या बैठना पसंद करता है, जिससे वह साफ नहीं देख पा रहा है। अगर वे दूर बैठे हैं, तो देखना चाहिए कि क्या वे टेलीविजन देखते समय बार-बार अपनी आंखें मलते हैं।
बार-बार आंखों को मसलना
यदि आपके बच्चे की आंख कमजोर है, तो उसे दूर से साफ देखने में परेशानी हो सकती है और उनकी आंखों पर ज्यादा प्रेशर पड़ सकता है। इसके अलावा, बच्चे की आंखें थकी हुई हो सकती हैं, जलन हो सकती हैं और बार-बार आंखों को रगड़ सकते हैं।
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पढ़ने में उंगलियों का उपयोग करना
आपका बच्चा किसी चीज को पढ़ने के लिए अपनी उंगलियों का प्रयोग करता है, तो उसके पास आंखों की नजर से जुड़ी समस्या हो सकती है। इसके अलावा, अगर आप पढ़ते समय अपनी जगह खो देते हैं और शब्दों को ढूंढने में परेशान होते हैं, तो तो यह देखने से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है।।
बार-बार सिरदर्द
सिरदर्द बड़ों में आम है, लेकिन बच्चों में नहीं होता। क्योंकि बच्चों की आंखें प्रभावित हो सकती हैं अगर वे बार-बार इस बात की शिकायत करते रहते हैं।
कुछ अतिरिक्त संकेत
बाहर टेलीविजन, कंप्यूटर या लैपटॉप देखने के लिए खेलने से बचना
ये परेशानी आंखों से जुड़ी हो सकती है अगर आप पढ़ते समय या टीवी देखते समय एक आंख बंद करते हैं।
पढ़ने में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं रखना।
आंखों को स्वस्थ रखने के उपाय
बच्चों को नुकीली वस्तुओं से दूर रखें।
धूल, मिट्टी और तेज धूप से बचें।
छोटी उम्र से ही हाथ धोने की आदत डालें।
बच्चों को गैजेट्स का बहुत अधिक प्रयोग न करने दें, क्योंकि ये उनकी आंखों को खराब कर सकते हैं।
उन्हें स्वस्थ भोजन करने की आदत डालें।
बच्चों को हर दिन छह से आठ गिलास पानी पीने की सलाह दीजिए।
बच्चों को पूरी तरह से सोने दें।
बच्चों को लेटकर या झुककर पढ़ने नहीं दें।
रात भर कम प्रकाश में पढ़ने दें।
पढ़ते समय किताबों को कम से कम एक फुट दूर रखें।
बच्चों को हमेशा प्राकृतिक वातावरण में रहने देना चाहिए।
आंखों की नियमित जांच कराएं