World autism awareness day 2025: ऑटिज्म क्या होता है? क्या इसका कोई इलाज है?

World autism awareness day 2025: ऑटिज्म एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति का व्यवहार सामान्य लोगों की तुलना में अलग होता है। जन्म से ये बीमारियां हो सकती हैं। क्या ऑटिज्म का कोई सामान्य उपचार है? इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं.
World autism awareness day 2025: 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इसकी जानकारी दी जाती है ताकि ऑटिज्म की समझ बढ़ाई जा सके और मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके। ऑटिज्म न्यूरोलॉजिकल है। यह बचपन में ही दिखाई देता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के लक्षणों में किसी काम को सीखने, दूसरों से संचार करने और काम करने की क्षमता कम होना शामिल है। ऑटिज्म होने का कोई एक कारण नहीं है। लेकिन यह बीमारी जेनेटिक कारणों से होती है।
ऑटिज्म से ग्रस्त बच्चे और वयस्क सोचने और प्रतिक्रिया देने में अलग-अलग हैं। उनका व्यवहार आम बच्चों से अलग है। जन्म के एक साल बाद ही रोग के लक्षण दिखने लगते हैं। डॉ. अनिमेष गुप्ता, अपोलो अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग में सीनियर कंसल्टेंट, कहते हैं कि ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस बीमारी से पीड़ित बच्चे समय पर सही थेरेपी से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
ऑटिज्म के प्रारंभिक लक्षण क्या होते हैं?
डॉ. अनिमेष गुप्ता बताते हैं कि ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे को आंखों से संपर्क करने में परेशानी होती है। इस बीमारी से पीड़ित बच्चे अक्सर आपकी ओर नहीं देखते। यदि आप उन्हें देखते भी हैं, तो वह संपर्क नहीं करते। वह किसी को देखकर हाथ मिलाना या मुस्कराना नहीं कर सकते। उनके ब्रेन के सही ढंग से विकसित नहीं होने से ऐसा होता है। ये बच्चे बोलने में देरी कर सकते हैं। शब्दों को बोलने में वे दूसरे बच्चों से अलग हैं। यदि आपके बच्चे में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। पीडियाट्रिशियन और न्यूरो के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
क्या ऑटिज्म के लिए कोई परमानेंट उपचार है?
ऑटिज्म को दवाओं और थेरेपी के माध्यम से कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन ये बीमारी पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाती है. हालांकि समय पर लक्षणों की पहचान से इसको काबू में किया जा सकता है और मरीज कुछ हद तक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है.