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यज्ञ: प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ काशी के डोम राजा भी उपस्थित होंगे—प्रेस रिपोर्ट

2 घंटे बाद

आज, 22 जनवरी को, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में होनी है। इस प्राण प्रतिष्ठा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा 15 अन्य लोग भाग लेंगे।

इन 15 में काशी के डोम राजा अनिल चौधरी भी शामिल हैं।

डोम राजा, यानी श्मशानघाट पर अंतिम क्रियाएं करने वाला व्यक्ति।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने देश भर के कई मंदिरों से इस कार्यक्रम को प्रत्यक्ष देखेंगे।

अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ये क़दम उन श्रद्धालुओं की भावना के साथ एकजुटता दिखाने के लिए उठाया गया है, जो 22 जनवरी को अयोध्या जाना चाहते थे. मगर इन लोगों को 22 जनवरी के बाद जाने के लिए कहा गया है.

डोम राजा अनिल चौधरी के साथ उनकी माँ जमुना देवी और पत्नी सपना चौधरी भी अयोध्या पहुंच गई हैं.

बीजेपी नेता, मंत्री प्राण प्रतिष्ठा को कहां से देखेंगे?

शनिवार को काशी से अयोध्या जाने वाले अनिल को डमरू बजाते हुए एक जुलूस निकाला गया।

अनिल का परिवार भी राम मंदिर में चांदी का त्रिशूल लाया है।

दिल्ली के बिरला मंदिर से प्रत्यक्ष प्रसारण के माध्यम से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को अमित शाह अपने परिवार के साथ देखेंगे।

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा इस आयोजन को दिल्ली के झंडेवालान मंदिर से देखेंगे।

कुछ नेताओं, जिनमें मुरली मनोहर जोशी, लाल कृष्ण आडवाणी और अदालत में इस मामले को लड़ने वाले लोग भी शामिल हैं, को निमंत्रण भेजा गया है। रविशंकर प्रसाद भी इसमें शामिल हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा अयोध्या में केवल वे मंत्री मौजूद रहेंगे, जिन्हें कुछ कार्यभार दिया गया है। इनमें ब्रजेश पाठक, डिप्टी सीएम कैशव प्रसाद मौर्य शामिल हैं।

प्राण प्रतिष्ठा में उपस्थित व्यक्ति

टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में यजमान अलग-अलग जातियों से हैं। इनमें दलित समाज से आने वाले लोग भी शामिल हैं।

घुमंतू समुदाय के यजमान महादेव गायकवाड भी इनमें शामिल हैं।

दिलीप वाल्मीकि भी वाल्मीकि समाज से हैं। वाल्मीकि एक सूचीबद्ध जाति में आते हैं।

महर्षि वाल्मीकि ने रामायण लिखा था।

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में बहुत से विदेशी राष्ट्रपति उपस्थित रहेंगे। यह देखते हुए सुरक्षा उपाय किए गए हैं।

सोमवार दोपहर साढ़े बारह बजे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू होगा।

रामलला की दो अन्य मूर्तिओं का क्या होगा?

इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा कि गर्भगृह में राम लला की मूर्ति के अलावा शेष दो मूर्तियों को मंदिर में अलग-अलग स्थानों पर लगाया जाएगा।

तीन मूर्तियों में से एक को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा दी जाएगी। यह चित्र मैसूर के कलाकार अरुण योगीराज का है।

मंदिर प्रांगण में अरुण योगीराज, सत्यनारायण पांडे और गणेश भट्ट की मूर्ति लगाई जाएगी।

फिलहाल, इन मूर्तियों को किस जगह पर लगाया जाएगा, पता नहीं है।

मंदिर का बहुत सा काम अभी भी जारी है और दिसंबर 2025 तक पूरा होना है।

भट्ट और पांडे ने कहा कि उनकी बनाई मूर्ति अलग थी और उन्हें उसे मुख्य मूर्ति के तौर पर ना चुने का अफसोस नहीं था।

इन दो कलाकारों को भी अरुण योगीराज के साथ मंदिर कार्यक्रम में भाग लेने का न्योता मिला है।

प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर ममता बनर्जी का क्या कदम होगा?

द देलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, टीएमसी और बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं, और सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन इसका परिणाम देखा जा सकता है।

सोमवार को पश्चिम बंगाल की प्रधानमंत्री ममता बनर्जी एक सद्भावना रैली निकालेंगी। इस रैली को बीजेपी की हिंदुत्ववादी राजनीति की प्रतिक्रिया बताया जाता है।

22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। बाद में ये मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे।

टीएमसी ने बीजेपी पर लगातार आरोप लगाया है कि वह धार्मिक कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम में बदल रही है। ममता बनर्जी ने इसके जवाब में सभी धर्मों के साथ सद्भावना रैली का आह्वान किया था।

बंगाल में बीजेपी 22 जनवरी को छुट्टी की मांग करती रही है। टीएमसी सरकार ने इस मांग को नहीं स्वीकार किया है।

22 जनवरी को कई राज्यों में हाफ डे है। 22 जनवरी को ढाई बजे तक केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में भी छुट्टी रहेगी।

बीजेपी के बंगाल के नेताओं ने एलईडी स्क्रीन के माध्यम से कार्यक्रम को लाइव दिखाने की योजना बनाई है।

बीजेपी का आरोप है कि ममता बनर्जी इस रैली को प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन करके इस महत्वपूर्ण घटना से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही हैं।

टीएमसी सांसद सुगाता रॉय ने कहा कि बीजेपी देश का वातावरण बिगाड़ना चाहती है। भगवान राम से हर कोई प्यार करता है। लेकिन बीजेपी धर्म को राजनीति से जोड़ने की कोशिश करती है, हम इसके खिलाफ हैं।

जैसा कि सेंटर फॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंस के प्रोफेसर इस्लाम ने बताया, 22 जनवरी को टीएमसी और बीजेपी के बीच एक वॉर्मअप मैच होगा। जबकि बीजेपी राज्य में हिंदुओं के वोट पाना चाहेगी, टीएमसी लेफ्ट लिबरल्स अल्पसंख्यकों तक पहुंचना चाहेगी।

2019 लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने 22 सीटें, कांग्रेस ने 2 सीटें और बीजेपी ने 18 सीटें जीतीं

बिलकिस बानो केस: सभी दोषियों ने किया सरेंडर

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, बिलकिस बानो गैंगरेप के सभी दोषियों ने रविवार देर शाम गोधरा की जेल में सरेंडर कर दिया है.

इन दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट से सरेंडर का वक़्त बढ़ाए जाने की अपील की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दोषियों को राहत देने से इंकार किया था.

आठ जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में इन दोषियों को रिहा किए जाने के फ़ैसले को गलत कहा था.

2022 में गुजरात सरकार ने 15 अगस्त को इन दोषियों को जेल से रिहा किया था. इस फ़ैसले का काफी विरोध हुआ था और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा.

सुप्रीम कोर्ट ने ही 21 जनवरी की रात तक दोषियों को सरेंडर करने की डेडलाइन दी थी.

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