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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-अमरीका वाणिज्य मण्डल सम्मेलन में भाग लिया

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और अमरीका एक स्वाभाविक साझेदार हैं। उन्हें वर्तमान वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य में व्यापारिक और रणनीतिक क्षेत्रों में एकजुट होकर प्रगति करनी चाहिए।

उन् होंने नई दिल्ली में भारत-अमरीका वाणिज्य मण्डल के एक सम्मेलन में कहा कि सरकार ने एक आत्मनिर्भर ‘नए भारत’ का आधार बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने में अमरीकी निवेश महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

रक्षा मंत्री ने इसे दोनों देशों के लिए लाभ की स्थिति बताते हुए कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, कुशल कार्यबल, बड़ा घरेलू बाजार और भारत की जनसांख्यिकी लाभांश अमरीका को उच्च रिटर्न सुनिश्चित करते हैं। उनका कहना था कि अमरीकी कंपनियों के लिए भारत में निवेश करना आसान होगा क्योंकि नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटना आसान होगा।

श्री सिंह ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों का सहयोग निश्चित रूप से लोकतांत्रिक विश्व व्यवस्था को मजबूत बनाएगा। उनका कहना था कि यह विश्वव्यापी कानून-आधारित व्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा और इससे पूरी दुनिया को फायदा होगा।

भारतीय-अमेरिकी वाणिज्य मंडल के प्रतिनिधियों और भारत में अमरीकी राजदूत श्री एरिक गार्सेटी ने सम्मेलन में भाग लिया। यह सम्मेलन भारत और अमरीका के बीच राजनयिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए आयोजित किया गया था।

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