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राहुल गांधी ने कहा कि आज एक ही व्यक्ति असम में मंदिर जा सकता है जब उन्हें मंदिर जाने से रोका गया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को असम के बटाद्रवाथान मंदिर में जाने से मना कर दिया गया है।

वर्तमान में, राहुल गांधी असम में भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी वैष्णव संत श्रीमंत देव की जन्मस्थली बटाद्रवा थान मंदिर जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें रास्ते में ही पुलिस ने रोका।

यह घटना सामने आई है, जिसमें राहुल गांधी अपनी कार से उतरते हुए पुलिसकर्मी से पूछता है कि आखिर उन्हें क्यों रोका जा रहा है. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।

वीडियो में गांधी कहते हैं, “भाई मामला क्या है?” मैं जाकर बैरिकेड को देख सकता हूँ। मैं मंदिर नहीं जा सकता। मंदिर में जाने की अनुमति नहीं है? मेरे पास परमिशन है. मुझे मंदिर के प्रशासन ने बुलाया है, मैं हाथ जोड़ना चाहता हूं, भगवान का दर्शन करना चाहता हूं.”

“हम मंदिर में जाने की कोशिश कर रहे हैं,” उन्होंने घटना के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा। हमें बुलाया गया था, लेकिन अब हम नहीं जा रहे हैं। हम कुछ भी जबरदस्ती नहीं करेंगे; हम यहां अपनी यात्रा करने आए हैं, और हम सिर्फ उसकी वजह जानना चाहेंगे।”

साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि आज सिर्फ एक व्यक्ति (पीएम नरेंद्र मोदी) मंदिर जा सकता है।”

श्रीराम मंदिर का आयोजन: अमिताभ बच्चन और आलिया भट्ट भी अयोध्या जा रहे हैं।

आज अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। ये कार्यक्रम दोपहर 12 बजे शुरू होंगे।

सिनेमा जगत की हस्तियों से लेकर राजनेता भी इस आयोजन में शामिल होने के लिए अयोध्या जा रहे हैं।

अयुष्मान खुराना, अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, धनुष, रणदीप सिंह हुड्डा और उनकी पत्नी लिन लैशराम, आलिया भट्ट, रणबीर कपूर, डायरेक्टर रोहित शेट्टी, कटरीना कैफ़, विक्की कौशल, कंगना रनौत, माधुरी दीक्षित और अयुष्मान खुराना भी अयोध्या गए हैं।

महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी अयोध्या चले गए हैं।

सोमवार की सुबह अयोध्या में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे।

506 लोगों की एक ए-लिस्ट बनाई गई है, जिसमें बड़े नेता, उद्योगपति, अभिनेता, राजनयिक, जज और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति शामिल हैं।

22 जनवरी को सभी केंद्रीय कर्मचारियों को छुट्टी दी गई है।

2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर बनाया था। 1992 में 16वीं शताब्दी की बाबरी मस्जिद को “कारसेवकों” ने ढहा दी। हिंदू पक्ष ने कोर्ट में कहा कि मंदिर को तोड़ कर इस जगह पर मस्जिद बना दी गई क्योंकि ये जगह राम की जन्मभूमि है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि यह जगह रामलला विराजमान की है।

बिलकिस बानो केस में सभी ग्यारह दोषियों ने देर रात सरेंडर किया।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रविवार देर रात गुजरात के पंचमहल जिले की गोधरा सब जेल में सभी ग्यारह दोषियों ने सरेंडर किया।

स्थानीय क्राइम ब्रांच के निरीक्षक एनएल देसाई ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि “सभी 11 दोषियों ने रविवार देर रात जेल अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया है।” 21 जनवरी की आधी रात से पहले ये दोषी जेल पहुंचे, जो सरेंडर करने की अंतिम तिथि थी।”

8 जनवरी को, गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो केस में 11 दोषियों को दी गई रिहाई को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी।

कोर्ट ने राज्य सरकार को दोषियों को छोड़ने और आरोपियों के साथ “मिलीभगत” करने का आदेश दिया था।

19 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने समय सीमा बढ़ाने की याचिका को खारिज करते हुए दोषियों को 21 जनवरी तक सरेंडर करने को कहा।

11 दोषियों में बाकाभाई वोहानिया, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, गोविंद नाई, जसवन्त नाई, मितेश भट्ट, प्रदीप मोरधिया, राधेश्याम शाह, राजूभाई सोनी, रमेश चंदना और शैलेश भट्ट हैं।

21 वर्षीय बिलकिस बानो को 2002 में गुजरात में दंगों के दौरान बलात्कार किया गया था। उस समय वह पांच महीने की गर्भवती थीं। उनके सामने उनकी तीन साल की बेटी को मार डाला गया। उनके परिवार के सात सदस्यों को मार डाला गया था।

जस्टिन ट्रूडो ने तमिल लोगों के साथ मिल कर मनाया ‘तमिल हैरिटेज मंथ’

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में रहने वाले तमिल लोगों के साथ मिलकर ‘तमिल हैरिटेज महीने’ का उत्सव मनाया.

ट्रूडो ने इस समरोह का वीडियो एक्स पर शेयर करते हुए लिखा- “ उन सभी को, जिनके साथ हमने जश्न मनाया, और देश भर में रहने वाले तमिल समुदाय के लोगों को तमिल हैरिटेज महीने’ की शुभकामनाएँ.”

इस मौके पर उन्होंने तमिल समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा- “कनाडा में सबसे बड़ी संख्या में तमिल प्रवासी रहते हैं. सालों में तमिल-कनाडाई लोग देश में मज़बूत हुए हैं और कोविड के समय भी आप लोगोंने फ्रंटलाइन पर मोर्चा संभाला.”

“तमिल कनाडाई लोग हमारे समाज में कई स्तर पर काम कर रहे हैं. एक प्रधानमंत्री के रूप में मैंने श्रीलंका के सैन्य संघर्ष के दौरान तमिल लोगों पर हुए अत्याचार पर बार-बार उत्तर मांगा है.”

“इस महीने की शुरूआत में ही हमने श्रीलंका के चार अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया जो मानवाधिकारों के उल्लंघन के दोषी पाए गए. हमने कड़ा और साफ़ संदेश दिया है कि कनाडा इस मामले को हल्के में नहीं लेगा.”

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