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सरकारी भर्ती परीक्षाओं में धांधली को रोकने वाले विधेयक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी

सार्वजनिक परीक्षा कदाचार रोकथाम विधेयकः 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंजूरी दी है। हाल के बजट-सत्र में संसद ने यह विधेयक पारित किया था।

विधेयक का उद्देश्य सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित और धांधली का प्रयोग रोकना है। संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे भर्ती बोर्ड, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी और केंद्रीय सरकार के विभागों द्वारा आयोजित परीक्षाएं सार्वजनिक परीक्षाओं का अर्थ है।

इसके अलावा, कम् प् यूटर नेटवर्क की टेम् परिंग, फर्जी परीक्षा आयोजित करना, उम्मीदवारों को परीक्षा के दौरान मदद करना, प्रश्नपत्र या उत्तर लीक करना और फर्जी प्रवेश पत्र जारी करना शामिल हैं।

इस कानून का उद्देश्य युवा लोगों को विश्वास दिलाना है कि उनके ईमानदार और निष्ठापूर्ण प्रयासों का उचित प्रतिफल मिलेगा और उनका भविष् य सुरक्षित रहेगा, साथ ही सार्वजनिक परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश् वसनीयता बहाल करना है।

विधेयक ने कहा कि धांधली करने वाली संस्थाओं और परीक्षा प्रणाली से छेड़छाड़ करने वालों पर कार्रवाई होगी, जबकि विद्यार्थियों को कानून से बाहर रखा गया है।

विधेयक में अपराध साबित होने पर 10 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने और 3 से 10 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है। इस कानून के अधीन सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-समाधेय होंगे।

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