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UPI Transaction: UPI सिस्टम बार-बार ठप क्यों हो रहा है? कोई बड़ी चिंता की बात तो नहीं

UPI Transaction: यह यूपीआई सिस्टम में 2016 से पहले पहली बार है जब लेनदेन पूरी तरह से ठप हो गया है या सर्वर में कोई खराबी हुई है।

UPI Transaction: आम जनता के जीवन में शामिल हो चुके UPI को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। देश भर में पिछले एक महीने में तीन बार यूपीआई ट्रांजैक्श प्रभावित हुए हैं। दैनिक यात्रा से लेकर भोजन और खरीददारी करते समय लोगों को सर्वर में गड़बड़ी के कारण भुगतान नहीं करना पड़ा।

यह पहली बार है कि लेनदेन पूरी तरह से ठप हो गया है या सर्वर में कोई खराबी आई है, जो राष्ट्रीय भुगतान निगम लिमिटेड (NPCI) द्वारा 2016 में शुरू किए गए यूपीआई सिस्टम में हुआ है। अब चिंता यह है कि अगर सर्वर के चलते लेनदेन भविष्य में दिन भर नहीं बल्कि घंटों तक चलेगा तो देश भर में आम लोगों का जीवन प्रभावित हो सकता है।

मार्च में 95 मिनट प्रभावित रही सेवा

सर्वर का काम भी बताया गया। एनपीसीआई ने आठ अप्रैल को घोषणा की कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूपीआई के लिए क्यूआर कोड का उपयोग सीमित किया जाएगा। यूपीआई बैंक एंड इसमें कई बदलाव कर रहा है। यह घरेलू लेनदेन को प्रभावित कर सकता है। लेकिन फिर भी लेनदेन प्रभावित हुआ है। NPCI ने खुद स्वीकार किया है कि मार्च में 95 मिनट तक लेनदेन प्रभावित हुआ था।

जांच टीम बनाई: सर्वर में लगातार खराब होने की समस्या के कारण एनपीसीआई ने एक तकनीकी टीम को मामले की विस्तृत जांच करने का काम सौंपा है। तकनीकी टीम ने सूत्रों को बताया कि एक समय में सर्वर पर बहुत अधिक ट्रांजैक्शन होने से सर्वर बैठ गया है। साथ में कहा गया था कि हमारे सर्वर की क्षमता बहुत अधिक है, इसलिए ऐसी समस्या नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन शुरुआती जांच के बाद ओवरलोड समस्या है।

दैनिक ट्रांजैक्शन 60 करोड़ से अधिक

फरवरी तक प्रतिदिन करीब 51-52 करोड़ ट्रांजैक्शन होते थे, लेकिन मार्च में यह 60 करोड़ से अधिक हो गया। ऐसे में सर्वर की क्षमता को बढ़ाना भी जा रहा है। NPCI के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थिति को चिंतित किया है।

उनका कहना है कि ऐसी समस्याएं नहीं होनी चाहिए जब इसके इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए काम चल रहा है। विशेष रूप से जब भारत यूपीआई सेवाओं को अन्य देशों में भी प्रदान करता है।

क्या तैयारी है?

एनपीसीआई के अधिकारियों ने कहा कि यह सिर्फ एक तकनीकी समस्या है, जिसे हमारी तकनीकी टीम सुधार रही है। भविष्य में यूपीआई का उपयोग करने में लोगों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए कमी का पता लगाया जा रहा है और उसे ठीक किया जा रहा है।

इस्तेमाल करने वाले देश

भारत, भूटान, श्रीलंका, नेपाल, मॉरीशस, सिंगापुर, यूएई, फ्रांस में इस्तेमाल हो रहा है। जबकि रूस के साथ समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं।

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