हरसिमरत कौर: गत दिवस चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल होने की बजाय, पार्टी के एक हिस्से ने जालंधर में एक अलग बैठक बुलाई। इस बैठक को पार्टी में बगावत के तौर पर देखा जा रहा है।
सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा और किरणजोत कौर ने जालंधर में हुई बैठक में भाग लिया। चंदूमाजरा ने इस बैठक में कहा कि जालंधर उपचुनाव के बाद उनकी अगली रणनीति निर्धारित होगी। इन नेताओं ने बैठक में सुखबीर बादल से पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने को कहा। उनका कहना था कि सुखबीर बादल भी कर्मचारियों की बात सुनें।
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने बठिंडा से कहा कि पार्टी पूरी तरह से एकजुट है। उनका आरोप था कि भाजपा के कुछ लोग अकाली दल को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं।
हरसिमरत ने कहा कि 117 में से केवल पांच नेता सुखबीर बादल के खिलाफ हैं, जबकि 112 नेता सुखबीर बादल और पार्टी के पक्ष में हैं। शिरोमणि अकाली दल का लोकसभा जनाधार इस बार काफी प्रभावित हुआ है। पार्टी ने पंजाब की 13 में से केवल एक लोकसभा सीट जीती है। इसके बाद से पार्टी में विद्रोह का स्वर उठने लगा है।