राज्यदिल्ली

Sanjay Singh News: BJP को लक्षित करते हुए संजय सिंह ने कहा, ‘ये तो अच्छा हुआ कि 240 पर रुक गए, अगर 300 सीटें आ जाती तो…’

Sanjay Singh News: आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में में इसका जिक्र करना चाहिए था कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बताना चाहिए था।

Sanjay Singh News: गुरुवार (27 जून) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 1975 में लागू आपातकाल का उल्लेख किया। अब आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेर लिया है। उनका प्रश्न था कि पिछले दस वर्षों में लागू आपातकाल का उल्लेख क्यों नहीं किया गया? उनका दावा था कि आज देश में जांच एजेंसियों का खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है।

आप सांसद संजय सिंह ने कहा, “इस देश में पिछले 10 साल से आपातकाल लगा हुआ है। सब लोग जानते हैं कि राष्ट्रपति का भाषण सरकारी भाषण होता है, जो उसे पढ़ाया जाता है। राष्ट्रपति को अपने भाषण में इसका जिक्र करना चाहिए था कि जांच एजेंसियों का किस तरह दुरुपयोग किया जा रहा है.”

संजय सिंह ने कहा कि ED और CBI खुलेआम दुरुपयोग कर रहे हैं

“आपने दो मुख्यमंत्रियों को पकड़कर जेल में डाल दिया है,” उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा। श्री हेमंत सोरेन फिलहाल जेल में हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री को जेल में डाल दिया गया है। शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री दोनों जेल में हैं। ईडी और सीबीआई का देश भर में खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है। आपातकाल और क्या होता है. ये जो हमारे सभापति महोदय जो हैं, जिस दिन ये सभापति के पद से हटेंगे, वो इस हाउस के अंदर जा नहीं सकते हैं. ये क्या है?

अगर 300 सीटें मिल जाती तो क्या करते?’

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा, “पहले जो पूर्व सांसद आकर हाउस की कार्यवाही देखते थे, इस नई संसद की बिल्डिंग के अंदर उनका प्रवेश बंद कर दिया।” यह अच्छी बात है कि वे 240 पर रुक गए, लेकिन अगर वे 300 पर आते तो मैं अबतक नहीं जानता कि क्या होता। 18वीं लोकसभा में राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में पहली बार दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में आपातकाल का उल्लेख किया।

राष्ट्रपति ने क्या कहा?

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 25 जून, 1975 को संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय 25 जून, 1975 को शुरू हुआ। तब पूरे देश में हड़कंप मच गया, लेकिन भारत ने ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त करके दिखाई, क्योंकि भारत के मूल में गणतंत्र की परंपराएं रही हैं।सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी “शेम-शेम” के नारे लगाए जब राष्ट्रपति ने आपातकाल का उल्लेख किया।

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