
29 जनवरी, चंडीगढ़ (ट्रिन्यू)
हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार वर्तमान कार्यकाल का पांचवां और अंतिम बजट बनाने में व्यस्त है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट् टर की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में मंगलवार को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बजट सत्र की तारीख निर्धारित की जाएगी। 16 फरवरी को बजट सत्र शुरू होने की संभावना है। कैबिनेट की मीटिंग में निर्णय लेने के बाद बजट सत्र के लिए कम से कम पंद्रह दिनों का अवधि चाहिए।
मार्च के पहले पखवाड़े में लोकसभा चुनावों का ऐलान हो सकता है। ऐसे में सरकार चुनावों की घोषणा से पहले बजट पेश करने की कोशिश में है। अन्य राज्यों को भी केंद्र की ओर से सालाना बजट पारित किए जाने की हिदायतें दी जा चुकी हैं। आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी राज्य बजट पेश नहीं कर सकेगा। ऐसे में अधिकांश राज्यों में फरवरी के आखिरी और मार्च के पहले सप्ताह के दौरान ही बजट पेश किए जाने की संभावना है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनेाहर लाल भी वित्त मंत्री हैं। बजट पर बैठकें शुरू कर चुके हैं। अभी भी उनकी बैठकें समाज के विभिन्न वर्गों और विभागवार अधिकारियों के साथ होनी हैं। मुख्यमंत्री ने पहले ही जनसंवाद कार्यक्रमों और विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान मिलने वाले अच्छे सुझावों और मांगों को बजट में शामिल करने का संकेत दिया है।
बजट सत्र 16 फरवरी से अगर शुरू होता है तो पहले ही दिन राज्यपाल अभिभाषण के जरिये मनोहर सरकार अपना आगामी विजन प्रदेश के लोगों के बीच रखेगी। राज्यपाल अभिभाषण पर दो से तीन दिन चर्चा होगी और इसके बाद मुख्यमंत्री अभिभाषण पर पक्ष और विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देंगे। राज्यपाल अभिभाषण पर बहस पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री बजट पेश करेंगे। बजट 22 या 23 फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है। हालांकि इस बारे अधिकारिक फैसला स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता की अध्यक्षता में होने वाली विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में होगा।
हरियाणा सरकार ने लोकसभा में बजट पेश करने के बाद उस पर चर्चा करने से रोक लगा दी है। इस बार बजट पेश होने के बाद एक सप्ताह की छुट्टी दी जा सकती है। बजट को इस दौरान अध्ययन करके विधानसभा की कमेटियां अपनी रिपोर्ट देंगी। बजट को रिपोर्ट के अनुसार बदल सकते हैं अगर जरूरी हो।
बजट मार्च के पहले सप्ताह में चर्चा के बाद पास किया जाएगा। सरकार भी बजट सत्र के दौरान कई विधेयक विधानसभा में पेश करेगी। बजट को लेकर अंदरखाने वित्त विभाग और सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) के अधिकारियों ने काम शुरू किया है। इस बजट के बाद लगभग पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में मनोहर सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी साल का यह बजट पूरी तरह से चुनावी होने के आसार हैं।
रस्तोगी जुटे हिसाब-किताब में
2024-25 के सालाना बजट की तैयारी में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी शामिल हैं। वे भी चालू वित्त वर्ष का बजट देख रहे हैं। उनके पास हर विभाग का डॉटा है, जो बताता है कि किस विभाग को कितनी धनराशि दी गई है और किस योजना पर अभी तक कितना खर्च किया गया है। बजट खर्च करने वाले विभागों पर उनकी नज़र रहेगी। बजट को लेकर रस्तेगी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मुलाकात की है। बजट पेश होने तक बैठकें जारी रहेंगी।
बजट लगभग दो लाख करोड़ हो सकता है
२०२२-२३ का सालाना बजट १ लाख ३८ हजार ९५० करोड़ रुपये था। इस वर्ष का बजट लगभग दो लाख करोड़ रुपये हो सकता है। क्योंकि यह बजट चुनावी होगा। ऐसे में बजट टैक्स से पूरी तरह से मुक्त हो सकता है। बजट में लोगों को कई छूट और नई योजनाओं की घोषणा करना संभव है। बजट मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों के लिए काफी कुछ अलग और नया हो सकता है। बजट में सरकार किसानों, गरीबों और मजदूरों के साथ-साथ कर्मचारियों की सुरक्षा पर ध्यान दे सकती है। किसानों को विशेष ध्यान दिया जाएगा।