Shri Jyotiraditya Scindia ने हितधारकों की सलाहकार समितियों के साथ परामर्श बैठक का दूसरा दौर आयोजित किया
Shri Jyotiraditya Scindia
- उपग्रह संचार, इंटरनेट सेवा प्रदाता और बुनियादी ढांचा प्रदाता समितियों के साथ विचार-विमर्श किया गया
- एसएसी ने भारतीय अंतरिक्ष नीति, उपग्रह स्पेक्ट्रम के आवंटन और एसयूसी से संबंधित पिछली बैठकों में पहचान किए गए मामलों पर अपने विचार साझा किए
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के समावेशी और सहयोगात्मक नीति निर्णय-निर्माण को बढ़ावा देने के विजन के अनुरूप, संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने संचार राज्य मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर पेम्मासानी के साथ अभी हाल ही में गठित की गई हितधारक सलाहकार समितियों (एसएसी) के साथ बैठक का दूसरा दौर शुरू किया। उन्होंने उपग्रह संचार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और बुनियादी ढांचा प्रदाताओं पर बनी एसएसी के साथ बैठक की।
कल इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और अवसंरचना प्रदाताओं पर एसएसी की बैठक में वर्तमान नियामक प्रावधानों और डिजिटल रूप से जुड़े भारत के लिए राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) को निर्बाध रूप से अपनाने और सुविधा के बारे में विशेष रूप से चर्चा हुई। यह पहल भारत के दूरसंचार इकोसिस्टम के भविष्य का विस्तार करने और उसे आकार देने में उद्योग के नेताओं को शामिल करने के बारे में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और अवसंरचना प्रदाताओं पर बनी सलाहकार समिति ने राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) प्रक्रियाओं में हाल में हुई की प्रगति की सराहना की, लेकिन उन्होंने एकीकृत शासन और राज्य सरकारों और स्थानीय नगर निकायों से बढ़े हुए सहयोग की लगातार जरूरत पर जोर दिया।
दूरसंचार सचिव ने यह आश्वासन दिया कि नए दूरसंचार अधिनियम के तहत नए नियमों को उठाए गए अनेक मुद्दों के समाधान के लिए बनाया गया है। संचार मंत्री ने उद्योग के हितधारकों को आरओडब्ल्यू नियमों पर अपनी प्रतिक्रिया देकर सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
उपग्रह संचार पर बनी सलाहकार समिति ने भारतीय अंतरिक्ष नीति, स्पेक्ट्रम आवंटन और एसयूसी पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए उपग्रह संचार के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को आगे बढ़ाने के बारे में विभिन्न सुझाव दिए।
उपग्रह संचार पर सलाहकार समिति ने नए दूरसंचार अधिनियम में प्रमुख प्रावधानों को शामिल करने के लिए मंत्रालय की सराहना करते हुए कहा कि ये परिवर्तन अधिक लचीले, उदारीकृत और तकनीकी रूप से तटस्थ स्पेक्ट्रम उपयोग को सक्षम करके भारत के दूरसंचार ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए निर्धारित हैं, जिससे उपग्रह संचार सेवाओं की उन्नति और दक्षता को बहुत लाभ होगा।
दूरसंचार क्षेत्र से संबंधित मामलों पर सरकार के साथ लगातार दोतरफा संवाद को सुगम बनाने के उद्देश्य से, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दूरसंचार विभाग को इससे संबंधित विभिन्न मामलों पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान करने के लिए छह अलग-अलग हितधारक सलाहकार समितियों (एसएसी) का गठन किया था।
शीर्ष सीईओ, शिक्षाविद, शोधकर्ता, उद्यमी और उद्योग के विचारक निम्नलिखित छह सलाहकार समितियों (एसएसी) के सदस्य हैं, ये समितियां इस प्रकार हैं:
- दूरसंचार सेवा प्रदाता
- इंटरनेट सेवा प्रदाता और बुनियादी ढांचा प्रदाता
- दूरसंचार क्षेत्र के मूल उपकरण निर्माता (ओईएम)
- दूरसंचार इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम
- उपग्रह संचार इकोसिस्टम
- दूरसंचार क्षेत्र में शिक्षाविद और अनुसंधान एवं विकास
समितियों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2033504 पर क्लिक करें
दूरसंचार विभाग इन चर्चाओं से गति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इन बैठकों के दौरान प्राप्त अभिज्ञान पर सक्रिय रूप से काम करेगा। दूरसंचार विभाग का लक्ष्य सिफारिशों को लागू करना और दूरसंचार क्षेत्र के विकास के लिए एक उत्पादक और नवाचारी वातावरण को बढ़ावा देना है। इस परामर्श प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों के सहयोगात्मक प्रयास महत्वपूर्ण हैं।
https://x.com/JM_Scindia/status/1819014191837282682
source: https://pib.gov.in