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आंध्र प्रदेश और ओडिसा की अनुसूचित जाति और जनजातियों की सूचियों को संशोधित करने के लिए संसद में 2 संविधान आदेश संशोधन विधेयक पारित

संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 को संसद ने पारित कर दिया है। राजसभा ने इन विधेयकों को पहले ही मंजूरी दे दी थी, लेकिन आज लोकसभा ने इन्हें पारित किया। लोकसभा में जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य आंध्रप्रदेश में अनुसूचित जनजातियों की सूची को बदलना है। प्रदेश में बोंडो पोरजा, खोंड पोरजा और कोंडा सवारस को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया जाएगा। संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य ओडीसा की सूची को संशोधित करना है। इस सूची में ओडीसा में आदिम जनजातियों के चार समुदायों (पौरी भुइयां, चुक्तिया भुंजिया, बोंडो और मनकिडिया) और 46 अन्य समुदायों को शामिल किया जाएगा जो विभिन्न कारणों से अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल नहीं किए गए हैं।

श्रीमति पवार ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार जनजातीय लोगों को मार डालेगी। उन् होंने कहा कि देश के दूरदराज के क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन् होंने कहा कि कमजोर जनजातीय समुदायों को इन विधेयकों से न्याय मिलेगा।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार गरीबों की मदद करने और जनजातीय लोगों की सुरक्षा करने को प्रतिबद्ध है। उनका कहना था कि कांग्रेस ने इन जनजातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल नहीं किया था। श्री प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री-जनमन योजना में जनजातीय समुदाय को 24 हजार करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है।

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