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Vastu Tips: मकान के दरवाजे वास्तु के अनुसार कैसे होने चाहिए? नियमों को जानें

Vastu Tips: हिंदू धर्म में घर के किचन, पूजाघर, बेडरूम और बाथरूम के लिए वास्तु नियम हैं। इसके अलावा वास्तु दोषों से बचाने के लिए दरवाजे से जुड़े वास्तु नियमों का पालन करने की भी सलाह दी जाती है।

Vastu Tips: दरवाजे से जुड़े कई वास्तु टिप्स हैं। माना जाता है कि घर के मुख्य दरवाजे के अलावा सभी दरवाजे के लिए वास्तु नियम हैं। इनका पालन करने से जीवन की सभी मुश्किलों को दूर कर पारिवारिक जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली ला सकते हैं। लकड़ी के दरवाजे लगवाते समय कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए। आइए देखें कि घर के दरवाजे कैसे दिखते हैं?

दरवाजे से जुड़े वास्तु टिप्स

एक पल्ला वाला दरवाजा वास्तु के अनुरूप नहीं होना चाहिए। यही कारण है कि हमेशा दो पल्ले वाला दरवाजा लगाए रखें।

घर में ऐसे दरवाजे नहीं होना चाहिए जो अपने आप से खुलता या बंद होता है।

बाहर की ओर खुलने वाला दरवाजा घर के मुख्य द्वार पर नहीं होना चाहिए।

वास्तु के अनुसार, घर में ऐसा दरवाजा लगवाना शुभ नहीं माना गया है, जिनमें खिड़कियां होती हैं। कहा जाता है कि इससे वास्तुदोष लग सकता है।

वास्तु नियमों के अनुसार, घर का मेनगेट दरवाजा सभी दरवाजों से बड़ा होना चाहिए।

हम मानते हैं कि घर में दो मुख्यद्वार नहीं होना चाहिए। वास्तुदोष इससे हो सकता है। घर में एक ही मुख्यद्वार होना चाहिए।

मुख्यद्वार पर त्रिकोणाकार, गोलाकार, वर्गाकार या बहुभुज आकृति वाले दरवाजे लगाना वास्तुशास्त्र में अनुचित है।

कहते हैं कि घर के दरवाजे पूर्व, उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा में होने चाहिए।

वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर में टूटे हुए या खुलने-बंद होने में कठिनाई देने वाले दरवाजे नहीं होना चाहिए। घर में नकारात्मकता पैदा हो सकती है।

वास्तु शास्त्र में मुख्य दरवाजे के ठीक सामने सीढ़ियों को होना शुभ नहीं माना गया है। इससे वास्तु दोष हो सकता है। वहीं, सीढ़ियों के दरवाजे उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर हो सकते हैं।

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