Papmochani Ekadashi 2025 Date: पापमोचनी एकादशी कब है? सही तिथि और पारण का समय नोट करें।

Papmochani Ekadashi kab hai: हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को एकादशी तिथि पर पूजा जाता है। यही कारण है कि चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापामोचनी एकादशी कहते हैं।
Papmochani Ekadashi 2025 Date and time: एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली पापमोचनी एकादशी व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति जन्म-जन्मांतर के पापों से छुटकारा पाता है। साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। तो आइए जानते हैं कि पापमोचनी एकादशी इस बार कब मनाई जाएगी।
पापमोचनी एकादशी कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 मार्च को सुबह 05 बजकर 05 मिनट पर शुरू होगी और 26 मार्च को सुबह 03 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। 25 मार्च को उदया तिथि के अनुसार एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
पापमोचनी एकादशी 2025 पूजा विधि
सुबह उठकर पापमोचनी एकादशी के दिन व्रत रखने और पूजन करने के लिए पवित्र स्नान करें।
भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद अपने घर व पूजा घर को साफ करें।
एक चौकी पर माता लक्ष्मी और भगवान श्री हरि विष्णु की प्रतिमाओं को स्थापित करें।
भगवान का पंचामृत से स्नान करवाएं।
पीले फूलों की माला दीजिए।
हल्दी या गोपी चंदन का तिलक लगाना चाहिए।
पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं।
विष्णु का स्मरण करें।
पूजा में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें।
आरती से पूजा को समाप्त करें।
पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
अगले दिन पूजा के बाद प्रसाद से अपना व्रत खोलें।
पापमोचनी एकादशी व्रत पारण का समय
पापमोचनी एकादशी व्रत का पारण अगले दिन 26 मार्च को द्वादशी तिथि पर दोपहर के 01 बजकर 41 मिनट पर किया जाएगा और शाम 04 बजकर 08 मिनट तक है. इस दौरान व्रती अपने व्रत का पारण कर सकते हैं. स्नान-ध्यान कर विधि-विधान से पहले लक्ष्मी नारायण की पूजा अर्चना कर. व्रत खोल सकते हैं.