Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी में शुभ योग, मुहूर्त, पूजा-विधि जानें

Basant Panchami 2025: सरस्वती की पूजा बसंत पंचमी पर की जाती है। बसंत पंचमी को मां सरस्वती के जन्मदिन और रति और कामदेव के धरती पर आगमन के रूप में मनाया जाता है।
Basant Panchami 2025 Date: इस वर्ष माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि दो दिन होने के कारण सही तिथि को लेकर असमंज की स्थिति बनी हुई है। वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 11 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 3 फरवरी को सुबह 9 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होती है। बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी 2025 को होगा। सरस्वती पूजा बसंत पंचमी पर होती है। सुबह 7 बजे 10 बजे से 9 बजे 30 बजे तक आप मां सरस्वती की पूजा कर सकते हैं।
शुभ योग में बसंत पंचमी: बसंत पंचमी के दिन शिव योग सुबह 9:14 तक रहेगा, फिर फरवरी 3 को 06:06 AM तक सिद्ध योग रहेगा। तीन फरवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग 07:09 AM से 00:52 AM तक रहेगा।
पूजा-विधि:प्रातः स्नान करने के बाद पीला, बसंती या सफेद वस्त्र पहनकर चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र को रखें। पहले कलश स्थापित करें। गणेश जी और नवग्रहों की पूजा करने के बाद मां को श्रद्धापूर्वक सरस्वती मंत्र का जाप करें। बेसन के लड्डू, केले, पीली या सफेद मिठाई, आदि देकर माता को आरती करें।
उपाय: विद्यार्थियों को बसंत पंचमी के दिन ऊं ऐं सरस्वती नमः का जाप करना चाहिए। इससे उन्हें विवेक, बुद्धि और विद्या का लाभ मिलेगा।
बसंत पंचमी महत्व: बसंत पंचमी इस बार 2 फरवरी को मनाई जाएगी। इस खास उत्सव पर मां सरस्वती के अलावा माता रति और कामदेव भी पूजे जाते हैं। बसंत पंचमी को मां सरस्वती के जन्मदिन और रति और कामदेव के धरती पर आगमन के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस दिन दंपति रति और कामदेव का पूजन करते हैं, ताकि उनके वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी न हो। मान्यता है कि बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा करने और उपवास करने वाले लोगों पर उनकी विशेष कृपा होती है।