Bhavish Agarwal: ओला के सीईओ ने लिंक्डइन की इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत में राजनीति न करें ।

Ola CEO के बारे में LinkedIn AI: लिंक्डइन ने ओला सीईओ के एक पद को हटा दिया। Bhavish Agarwalने इसके बाद एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए उसकी आलोचना की..।
ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल लिंक्डइन नामक प्रोफेशनल सोशल नेटवर्क पर भड़के हुए हैं। उन्हें लिंक्डइन को भारत में अपनी राजनीति थोपने का आरोप लगाया है और एक पोस्ट को हटा दिया है।
भारत को टेक-एआई की आवश्यकता
गुरुवार को अग्रवाल ने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने डिलीटेड लिंक्डइन पोस्ट के स्क्रीनशॉट के साथ एक अपडेट शेयर किया। वह लिखते हैं: “प्रिय लिंक्डइन, मेरा यह लेख आपके आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस द्वारा भारतीय उपयोगकर्ताओं पर थोपी जा रही राजनीतिक विचारधारा को लेकर था, जो असुरक्षित और गलत है।” साथ ही, युवा भारतीय उद्यमी ने बताया कि भारत को क्यों तकनीक और AI की जरूरत है।
जेंडर पर शुरू हुई नवीन बहस
अग्रवाल के पिछले लेख से जेन्डर इलनेस और जेन्डर फ्लूडिटी पर नई बहस शुरू हुई। दरअसल, जेंडर फ्लूडिटी, जिसमें जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन का उपयोग किया जाता है, आजकल पश्चिमी देशों में चर्चा में है। उदाहरण के लिए, (He) या (She) की जगह दे या (Them) का इस्तेमाल करना। (He) या (She) का उपयोग करके जेंडर का पता लगाया जा सकता है, जबकि दे या देम न्यूट्रल हैं।
लिंक्डइन ने इस पोस्ट को हटा दिया।
जब भाविश अग्रवाल ने लिंक्डइन के AI से पूछा कि भाविश अग्रवाल कौन हैं, तो AI ने प्रोनाउन की जगह दे/देम/देयर प्रयोग किया। इसी मुद्दे पर भाविश ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसे लिंक्डइन ने प्रोफेशनल कम्युनिटी पॉलिसीज के खिलाफ बताते हुए हटा दिया।
भारत में अभी भी बहुत से लोग इस बीमारी से अनजान हैं।
भाविश कहते हैं कि भारत में प्रोनाउन इलनेस की राजनीति का बहुत कम ज्ञान है। लोग ऐसा कर रहे हैं क्योंकि कॉरपोरेट कल्चर से ऐसा उम्मीद की जाती है, खास तौर पर मल्टीनेशनल कंपनियों में। इस बीमारी को वहीं वापस भेज दिया जाए, जहां से यह आई है. हमारी संस्कृति में हमेशा सभी के लिए सम्मान रहा है. हमें नए प्रोनाउन की जरूरत नहीं है.
भाविश पोस्ट को इंटरनेट यूजर्स ने बहुत सपोर्ट किया है। लिंक्डइन के जेंडर इलनेस पर कई यूजर वोक को बता रहे हैं और कहते हैं कि इस तरह से भारत में एक विशिष्ट एजेंडा चलाया जा रहा है।