Bhutadi Amavasya 2025: भूतड़ी अमावस्या क्या है? मार्च में कब है? इस दिन भूलकर भी ये काम नहीं करें

Bhutadi Amavasya 2025: भूतड़ी अमावस्या है। भूतड़ी अमावस्या के दिन नकारात्मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं, इसलिए कुछ विशिष्ट नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
Bhutadi Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन बहुत खास है। अमावस्या पर चंद्रमा उदित नहीं होता है इसलिए इस दिन काली स्याह रात रहती है। ज्योतिषियों का कहना है कि अमावस्या की रात नकारात्मक ऊर्जा तेज होती है।
यह तिथि अधिक प्रभावशाली मानी जाती है क्योंकि चैत्र माह की अमावस्या पर रजो और तमो गुण प्रबल होते हैं। भूतड़ी अमावस्या भी इसका नाम है। ताकि नेगेटिव एनर्जी हावी न हो, इस अमावस्या पर कुछ नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है। 2025 में भूतड़ी अमावस्या कब है, इस दिन क्या करें, क्या नहीं?
भूतड़ी अमावस्या 2025 में कब होगी?
भूतड़ी अमावस्या चैत्र महीने की अमावस्या है। 29 मार्च 2025 को भूतड़ी अमावस्या है।
28 मार्च की रात 7 बजकर 55 मिनट से चैत्र अमावस्या तिथि शुरू होगी और 29 मार्च की शाम 4 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी।
भूतड़ी अमावस्या क्या भूतों से जुड़ी है?
अमावस्या पर नकारात्मक शक्तियां बहुत सक्रिय होती हैं, ऐसा कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा लुप्त भी रहता है। चंद्रमा का प्रभाव भी मन को अस्थिर करता है। जिससे ये शक्तियां प्रभावी हो सकती हैं. कहा जाता है कि नकारात्मक शक्तियां या अतृप्त आत्माएं इस दिन अपनी अधूरी इच्छा को पूरी करने के लिए लोगों के शरीर को निशाना बनाती है और अपना अधिकार जमाने की कोशिश करती है।
भूतड़ी अमावस्या पर क्या करना चाहिए?
चैत्र (भूतड़ी) अमावस्या पर सुबह सूर्योदय से पहले एक तांबे के बर्तन में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
पीपल के पेड़ पर जल और मीठा अर्पित करें।
तुलसी के पौधे की परिक्रमा करनी चाहिए।
पितरों की शांति के लिए इस दिन उपवास करना चाहिए और गरीबों को दान-दक्षिणा देना चाहिए।
भूतड़ी अमावस्या पर क्या न करें
इस दिन बाल धोना, नाखून-बाल या दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए.
अमावस्या पर तामसिक भोजन न करें, नशे से दूर रहें.
भूतड़ी अमावस्या पर रास्ते में किसी भी अनजान चीजों को हाथ या पैर न लगाएं.
कमजोर इच्छाशक्ति वाले सुनसान जगह पर न जाएं.।