
MCD बजट: बजट शनिवार को एमसीडी सदन में पेश किया गया। इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में 600 करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया गया। कुल 16,683 करोड़ का अनुमान है। पढ़ें यह अध्ययन..।
दिल्ली नगर निगम के नवीनतम वित्तीय वर्ष 2024–25 में लंबित परियोजनाओं और नई योजनाओं की जानकारी दी गई। शनिवार को निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती ने बजट को सदन में प्रस्तुत किया। इस वर्ष पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 600 करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया गया था। इस वर्ष का बजट 16,683 करोड़ रुपये का था। पहले 16,023 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था। इस प्रस्तुत बजट को अंतिम रूप देने में अब दो महीने लगेंगे। इसमें विभागों को धन देने का विवरण है। नई परियोजनाओं के तहत अब दिल्ली में अवैध पार्किंग, कूड़ा फैलाने और कूड़ा फैलाने वालों को मोबाइल चालान मिलेंगे। साथ ही निगम अस्पताल में मरीजों को ई-पंजीकरण की सुविधा भी मिलेगी।
अगले सप्ताह से लोगों से बातचीत शुरू होगी
अगले सप्ताह से बजट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया के तहत लोगों के साथ चर्चा शुरू होगी। बजट को अंतिम रूप देने के लिए अगले हफ्ते से लोगों से चर्चा शुरू होगी, जैसा कि महापौर डॉ. शैली ओबरॉय ने कहा। इसमें बाजार संघों, ग्रामीण संघों और ग्राम प्रधानों के साथ बैठकें होंगी।
संवाद जनवरी 2024 तक जारी रहेगा
जनवरी 2024 तक लोगों के साथ बहस जारी रहेगी। बजट को लेकर जनता ईमेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया व सुझाव दे सकती है। आप अपने सुझावों को budgetfeedback.mcd2425@gmail.com पर भी भेज सकते हैं। महापौर ने कहा कि मैं खुद इस ईमेल आईडी की निगरानी करूँगा। लोगों को सुझाव देने के लिए व्हाट्सएप नंबर भी देंगे। इससे सुझावों को बजट में शामिल किया जाएगा।
बजट विभागों को कितना मिला?
वित्तीय वर्ष 2023-24 वित्तीय वर्ष 2023-24 सामान्य प्रशासन 3335.86 करोड़ रुपये 3475.93 करोड़ रुपये लाइसेंसिंग 11.31 करोड़ रुपये 14.30 करोड़ रुपये सामुदायिक सेवाएं 73.84करोड़ रुपये 60.66 करोड़ रुपये शिक्षा 2847.82 करोड़ रुपये 3109.11 करोड़ रुपये जन-स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सहायता 1,719.49 करोड़ रुपये 2061.31 करोड़ रुपये सफाई 4,465.85 करोड़ रुपये 4194.71 करोड़ रुपये लोक निर्माण कार्य और पथ-प्रकाश 1,820.28 करोड़ रुपये 1943.30 करोड़ रुपये पशु चिकित्सा सेवाएं 86.18 करोड़ रुपये 119.86 करोड़ रुपये बागवानी 545.80 करोड़ रुपये 586.58 करोड़ रुपये भूमि एवं लाभकारी परियोजना 121.73 करोड़ रुपये 120.63 करोड़ रुपये अन्य विकास कार्य 327.63 करोड़ रुपये 328.89 करोड़ रुपये कर्ज भुगतान 667.73 करोड़ रुपये 667.73 करोड़ रुपये कुल 16,023 करोड़ रुपये 16,683.02 करोड़ रुपये
सरकारी आय बढ़ाने पर जो
1- राजस्व बढ़ाने के लिए एलईडी व डिजिटल मीडिया के जरिए विज्ञापनों को 26 बाजार व व्यावसायिक क्षेत्रों में आवंटित किया जाएगा।
2- ग्रीन पार्क, लाजपत नगर व निजामुद्दीन बस्ती में तीन मल्टी लेवल कार पार्किंग में विज्ञापन अधिकार का आवंटन किया गया है।
3- निगम ने दावा किया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में निगम को 2,417 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 400 करोड़ रुपये यानि 20 फीसदी अधिक प्राप्त हुआ है। नए वित्तीय वर्ष में और भी ज्यादा संपत्ति कर के जरिए राजस्व को बढ़ाने की योजना है।
मोबाइल चालान
:1- निगम के IT विभाग नई योजनाएं शुरू करेगा। इनमें निगम मोबाइल चालान जारी करेगा। निगम ऐप 311 से एक नया मॉडल बनाया जा रहा है। स्मार्ट सिटी 311 नामक एक अधिकारी मॉड्यूल ऐप में शामिल है। इससे निगम के कर्मचारी मोबाइल चालान बना सकेंगे।
:2- इस प्रणाली के तहत, कम्पनी सभी शारीरिक चालान को मोबाइल चालान, या एम-चालान, के माध्यम से अपराधियों को भेजेगा। लोगों को डिजिटल नोटिस मिलेंगे। साथ ही मौके पर ही जुर्माना लगाने की भी व्यवस्था होगी।
:3- फोटो और जियो कोड भी इस नए ऐप की निगरानी करेंगे।
अस्पतालों में ई-पंजीकरण शुरू होगा
1: निगम ने स्वास्थ्य प्रशासन के लिए कई नई योजनाएं दी हैं। यह हिंदू राव अस्पताल में आपातकालीन सेवा विभाग, ओपीडी विभाग ब्लॉक, नर्सिंग होम और नर्सिंग कॉलेज को पुनर्निर्माण करेगा।
2- निगम के सभी अस्पतालों में ई-अस्पताल प्रणाली लागू होगी। जिसमें मरीज विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए ई-पंजीकरण कर सकेंगे। इसमें लोगों को ई-ओपीडी, ई-फार्मेसी और ई-लैब मॉड्यूल शामिल होंगे। जिसमें ऑनलाइन माध्यम से मरीज डॉक्टरों से जुड़ सकेंगे।
3- लाजपत नगर कॉलोनी अस्पताल में 3.57 करोड़ रुपये की लागत से एक डबल स्टोरी भवन का निर्माण कार्य जारी है। यह काम बहुत जल्द पूरा हो जाएगा।
4- राजन बाबू टीबी अस्पताल में प्रशासनिक और शैक्षणिक ब्लॉक का निर्माण लगभग 1.71 करोड़ रुपये की लागत से होगा।
5- स्वामी दयानंद अस्पताल में सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत सीटी स्कैन और डायलिसिस केंद्र बनाया जाएगा।
6- पीपीपी मॉडल की शुरुआत 60 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में होगी।
7- माता गुजरी अस्पताल में ब्लड स्टोरेज सेवा शुरू होगी।
इन योजनाओं को पूरा नहीं किया गया।
2023-24 वित्तीय वर्ष में कई परियोजनाओं को प्रस्तुत किया गया था। योजना को इस वित्तीय वर्ष में पूरा करना था। लेकिन वह इसे पूरा नहीं कर सकी। पंजाबी बाग में 225 कारों के लिए, ग्रेटर कैलाश-1 मार्केट में 399 कारों के लिए, अमर कॉलोनी लाजपत नगर में 81 कारों के लिए, शिवा मार्केट पीतमपुरा में 500 कारों के लिए, गांधी मैदान चांदनी चौक में 2,338 कारों के लिए, कुतुब रोज पर 174 कारों के लिए, निगम बोध घाट में 95 कारों के लिए और बाग दीवार मार्केट, फतेहपुरी में 196 कारों के लिए भाजपा ने कहा कि जनता और कर्मचारी निगम का बजट विरोध करते हैं
- निगम ने इन सभी पार्किंग को अगले वित्तीय वर्ष में शुरू करने की योजना बनाई है।
- जून 2023 में तीन बायो मिथेनाइजेशन संयंत्रों को पूरा करने का लक्ष्य था, जो प्रति दिन 200 मीट्रिक टन गाय का गोबर और वनस्पति कचरा संसाधित करेंगे। इसी वर्ष के बजट में इसका प्रस्ताव था। इस कार्यक्रम को फिर से बजट में शामिल किया गया था। तीनों संयंत्रों को मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
भाजपा ने कहा कि जनता और कर्मचारी निगम का बजट विरोध करते हैं
दिल्ली नगर निगम का प्रस्तावित बजट विपक्ष को चिंतित करता है। भाजपा ने इस मामले में आम आदमी पार्टी पर हमला बोला और उसे कई आरोप लगाए। राजा इकबाल सिंह, निगम के नेता विपक्ष और भाजपा के पार्षद, ने कहा कि सदन में प्रस्तुत किया गया बजट जनता और कर्मचारियों के खिलाफ है। उनका दावा था कि आम आदमी पार्टी ने स्थायी समिति, वार्ड समिति और अन्य महत्वपूर्ण समितियों को नहीं बनाया है। इसलिए आयुक्त को सदन में बजट पेश करना पड़ा। यह पूरी तरह से गैर-संवैधानिक है।
व्यापार टैक्स बढ़ाने की सिफारिश की गई
नेता विपक्ष ने कहा कि प्रस्तुत बजट में व्यावसायिक टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके साथ ही संपत्ति कर के अग्रिम भुगतान में दी जाने वाली छूट को पहले २० प्रतिशत से १० प्रतिशत किया गया। इसका अंत हो गया है। इसके अलावा, ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों पर दस प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की सिफारिश की गई है। सिर्फ कर्मचारियों को वेतन देने पर निगम का आठवें हिस्से का बजट खर्च किया जाएगा। नागरिक सेवाओं के विकास पर शेष २० प्रतिशत खर्च होगा।
बजट में कुछ भी नवीनता नहीं है।
विपक्षी नेता ने कहा कि इस बार प्रस्तुत बजट कुछ भी नया नहीं है। नई योजनाओं का कोई प्रस्ताव नहीं आया। सभी पुरानी योजनाओं और परियोजनाओं को बदलकर प्रस्तुत किया गया।
सिर्फ 483 सफाई कर्मचारियों को पक्का करने का जिक्र
नेता विपक्ष ने कहा कि आम आदमी पार्टी की निगम सरकार ने पांच हजार सफाई कर्मचारियों को नियुक्त करने का वादा किया था। यह गलत निकला। बजट में सिर्फ 483 सफाई कर्मचारियों को प्रमाणित किया गया है। बजट में सफाई कर्मचारियों के एरियर भी नहीं बताए गए।
बजट शुरू होने से पहले हुई विरोध प्रदर्शन
शनिवार को लगभग 2.30 बजे बजट की पेशकश शुरू हुई। बजट सत्र के दौरान महापौर डॉ. शैली ओबरॉय ने सभी पार्षदों को सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए कहा। जनहित में बजट पेश हो रहा है, उन्होंने कहा। इसलिए प्रत्येक पार्षद गरिमा बनाया। विपक्षी नेता राजा इकबाल सिंह ने इस पर प्रश्न उठाया। बजट सभा में आयुक्त को ही बोलना चाहिए, उन्होंने कहा। तब विरोधी पार्षदों ने निगम सरकार पर कई मुद्दे उठाए।
कांग्रेस की महिला पार्षदों ने कार्रवाई नहीं करने की घोषणा की
कांग्रेस की महिला पार्षदों ने पिछली सदन की बैठक में एक पार्षद पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। सभा ने लिखित और मौखिक रूप से पार्षद से माफी मांगी, उसे निलंबित कर दिया और सदन की वीडियो रिकॉर्डिंग खोजकर उसकी पहचान करने की मांग की। कांग्रेस की सदन नेता नाजिया दानिश ने सवाल उठाया और कहा कि महापौर ने सिर्फ आश्वासन दिया। लेकिन पिछले दो हफ्तों में कुछ भी नहीं हुआ।
सदन में शोर
महापौर ने सदन को बताया कि निगम सचिव को वीडियो रिकॉर्डिंग देने का आदेश दिया गया है। बजट बनाने की प्रक्रिया इसके बाद शुरू हुई। आयुक्त का बजट भाषण लगभग 3.30 बजे समाप्त हुआ। इसके तुरंत बाद विपक्ष ने सदन में एक बार फिर हंगामा किया। कांग्रेस पार्षदों ने भी हंगामा किया। महापौर ने इसके बाद सदन को अगली बैठक तक स्थगित कर दिया।
6568 फैक्ट्री लाइसेंस से 12.16 करोड़ रुपया का मिला राजस्व
राजधानी ने फैक्ट्री लाइसेंस नियमों को सरल बनाने पर जोर दिया है। दिल्ली नगर निगम ने इस संबंध में फैक्ट्री लाइसेंस की ऑनलाइन नीति के माध्यम से अपलोड किए गए नए लाइसेंस को प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की संख्या को 7 से 4 कर दिया है। शनिवार को सदन में बजट प्रस्तुत करते हुए आयुक्त ज्ञानेश भारती ने इस बारे में बताया। अब क्यूआर कोड आधारित फैक्ट्री लाइसेंस सक्षम हैं, उन्होंने कहा। जिससे लाइसेंसधारी को सत्यापन करने के लिए लाइसेंस की हार्ड कॉपी साथ नहीं रखनी पड़ेगी।
लाइसेंसिंग प्रक्रिया में लाने की तैयारी
लाइसेंस जारी करने की वैधता अवधि 1 वर्ष से बढ़ाकर 3 वर्ष (वैकल्पिक) कर दिया गया है। फैक्ट्री लाइसेंसिंग विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 16,202 फैक्ट्री लाइसेंस जारी किए गए थे। जिससे 16.98 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। जबकि इस वित्तीय वर्ष 2023-24 में 6,568 लाइसेंस जारी किए गए। जिससे 12.16 करोड़ रुपये का राजस्व मिला। विभाग संभावित उद्योगों की पहचान करते हुए उन्हें भी लाइसेंसिंग के दायरे में लाने की तैयारी कर रहा है।
दिव्यांग विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए खरीदे जाएंगे उपकरण
इस वर्ष दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में 2 लाख 14 हजार नए विद्यार्थी शामिल हुए हैं। साथ ही, निगम के स्कूलों में नवीन वित्तीय वर्ष में 59 हजार डेस्क खरीदने का प्रस्ताव है। 34 हजार डेस्क खरीदे जा रहे हैं। सदन में यह जानकारी निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती ने दी। अब निगम स्कूलों में दिव्यांग विद्यार्थियों की पढ़ाई को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक उपकरण खरीदेंगे। बजट में इसका प्रस्ताव आयुक्त ने पेश किया है। शिक्षण के दौरान दिव्यांग विद्यार्थियों को कई उपकरण मिलेंगे। जिससे वह बेहतर पढ़ाई कर सकें।
सभी स्कूलों को जल्द ही पूरा करने का कार्यक्रम
मौजूदा वित्तीय वर्ष में 44 स्कूलों में पुस्तकालय खुलेंगे। 25 प्रस्तावित आदर्श स्कूलों में स्मार्ट इंटरएक्टिव पैनल स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए विचार आया है। स्कूल एलईडी स्क्रीन देखेंगे। जिससे विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रमों का ज्ञान मिलेगा। छात्रों की सुरक्षा करने के लिए सुरक्षा कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही, निगम कई नए शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर रहा है। इसलिए नए स्कूलों का निर्माण पश्चिम क्षेत्र, पश्चिम विहार, सिविल लाइंस क्षेत्र, वजीराबाद गांव, जीटीबी नगर और पंजाबी बाग में हो रहा है। मंगोलपुरी, रोहिणी क्षेत्र में भी स्कूलों का निर्माण हो रहा है। इन सभी स्कूलों को जल्द ही पूरा किया जाएगा।
बजट को मिलता है अंतिम रूप : विशेषज्ञ
Delhi Municipal Budget को अंतिम रूप देने से पहले कई बैठकें होती हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि निगम के बजट को अंतिम रूप देने में लगभग दो महीने से अधिक समय लगता है। शनिवार को आयुक्त ने बजट में नई योजनाओं और एक वर्ष का पूरा विवरण सदन को पहली बार पेश किया। बजट पूर्ववर्ती निगमों में स्थायी समिति में पेश किया जाता था। बजट इसके बाद विभागों और वार्ड समितियों में चर्चा हुई। बजट पर सभी समितियों के सदस्यों ने इसके बाद अपनी सिफारिशें दीं।
फरवरी तक बजट को अंतिम रूप देना अनिवार्य
स्थायी समिति के अध्यक्ष ने इसके बाद सभी समितियों के सदस्यों से प्राप्त सिफारिशों को देखा। स्थायी समिति के अध्यक्ष को बजट को बढ़ाना या कम करना था। उन्हें भी किसी कार्य के लिए बजट में निर्धारित धनराशि को कम या अधिक करने का अधिकार था। बजट को फिर एक बैठक में स्थायी समिति के अध्यक्ष ने अंतिम रूप दिया और सदन में पेश किया गया। फिर से बजट पर कई विशेष बैठकें हुईं। अंततः, निगम की सदन की बैठक में नेता ने बजट प्रस्तुत कर इसे मंजूर कर दिया। बजट को फरवरी तक अंतिम रूप देना नियम है। फिर नवीनतम वित्तीय वर्ष में अप्रैल से