
सार
अधिकारियों ने कहा कि जिस कंपनी को लाइसेंस मिलेगा, उसे कम से कम बीस बसों को चलाना होगा। पांच वर्ष के लिए यह लाइसेंस दिया जाएगा। नौ सीट वाले बसें इलेक्ट्रिक होंगे। किराया और बस का रास्ता कंपनी खुद तय करेगी।
अधिकारियों ने कहा कि लाइसेंस पाने वाली कंपनी को कम से कम 25 बसों चलाना होगा। पांच वर्ष के लिए यह लाइसेंस उपलब्ध होगा। नौ सीट वाले बसें विद्युत चालित होंगे। किराया और बस का रूट कंपनी खुद निर्धारित करेगी।
विस्तार
दिल्ली सरकार की प्रीमियम बस एग्रीगेटर योजना के तहत जल्द ही सड़कों पर बसें दिखाई देंगी। फरवरी के अंत तक एक कंपनी का आवेदन मंजूर होने की उम्मीद है। तीन कंपनियां आवेग, चलो और उबर ने इस योजना में रुचि दिखाई है। एक कंपनी का आवेदन नहीं आया है, लेकिन दो के आवेदन मिल गए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि परिवहन आयुक्त को एक कंपनी का आवेदन भेजा गया है। बताया जा रहा है कि कंपनी को लाइसेंस मिलने के बाद बसें मार्च के अंत तक चलने लगेंगी। अधिकारियों ने कहा कि जिस कंपनी को लाइसेंस मिलेगा, उसे कम से कम बीस बसों को चलाना होगा। पांच वर्ष के लिए यह लाइसेंस दिया जाएगा। नौ सीट वाले बसें इलेक्ट्रिक होंगे। किराया और बस का रास्ता कंपनी खुद तय करेगी।
लाइसेंस देने के बाद परिवहन विभाग सुनिश्चित करेगा कि बस नियमों के अनुसार नहीं चल रही है। नियमों का उल्लंघन करने पर इन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन बसों को नियंत्रित करने के लिए एक नियंत्रण रूप भी बनाया जाएगा। इसमें बस यात्रा जैसे विवरण होंगे। याद रखें कि मोबाइल ऐप पर आधारित प्रीमियम बस योजना को नवंबर में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी वीके सक्सेना ने मंजूरी दी थी।
घर में सुविधा मिलेगी
यात्रियों ने टिकट खरीदने के स्थान से ही प्रीमियम बसें उपलब्ध होंगी। यदि यात्री प्रीमियम बस रूट पर ही चलते हैं। उसे बस स्टॉप तक नहीं जाना पड़ेगा। बस उसी स्थान पर रुकेगी, जहां टिकट एप पर लिया गया है। कार की तरह बस में यात्री को सुविधाएं मिलेंगी। अधिकारियों का मानना है कि इससे कार से दफ्तर जाने वाले लोग खुद ही इन बसों पर चढ़ेंगे। इससे जाम और प्रदूषण कम होंगे और सड़कों से वाहन हटेंगे।
इन क्षेत्रों में रूट बनाए जा सकते हैं
इन बसों को द्वारका, रोहिणी, वसुंधरा एन्क्लेव, सरोजनी नगर, लाजपत नगर, ग्रीन पार्क, हौज खास, लक्ष्मीबाई नगर, आईएनए, चाणक्यापुरी, ग्रेटर कैलाश, साउथ एक्स, सिविल लाइंस, बुराड़ी, करोल बाग, पश्चिम विहार, पंजाबी बाग, महिपालपुर और कई अन्य स्थानों में चलाया जा सकता है।
दैनिक यात्रियों को लाभ मिलेगा
इस योजना से काम करने वाले लोगों को खास लाभ मिलेगा। लोगों को जो अपनी कार से दफ्तर जाते हैं, वह कार छोड़ देंगे। रोहिणी की किसी कालोनी में सात या आठ लोग कनॉट प्लेस स्थित अपने दफ्तर की कार से हर दिन जाते हैं तो वह प्रीमियम बस बुक कर सकता है। बस उनके घर पहुंचकर उनके कार्यालय छोड़ देगी। यह बसें सामान्य बसों से छोटी होंगी, इसलिए उनकी सेवा स्थानों पर मिलेगी जहां सामान्य बसें नहीं जा सकती हैं।
नेहरू प्लेस बस टर्मिनल 12 मंजिला होगा।
दिल्ली परिवहन निगम (DTC) नेहरू प्लेस के निकट बस टर्मिनल को अत्याधुनिक बनाया जाएगा। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत नेहरू प्लेस के वर्तमान बस टर्मिनल को बदलकर एक बारह मंजिला अत्याधुनिक बस डिपो बनाएगा। इसके लिए एक टेंडर निकाला गया है।
व्यापार विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसमें मॉल और व्यावसायिक कांप्लेक्स भी होंगे। नेहरू प्लेस बस टर्मिनल व्यावसायिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा। DMRC ने निजी क्षेत्र की संस्थाओं से आवेदन मांगे हैं। अधिकारियों के अनुसार, 17 जून 2022 को DC और DMC ने नेहरू प्लेस बस टर्मिनल को आधुनिक बनाने का अनुबंध किया था। इसके तहत डीएमआरसी को इन पांच बस टर्मिनलों का निर्माण करना होगा। DMRC इसके लिए बस स्टेशन को आधुनिक बनाने का प्रयास कर रहा है। बस टर्मिनल में व्यावसायिक कांप्लेक्स और पार्किंग की सुविधा भी होगी। मल्टी मॉडल इंटिग्रेशन सिस्टम के तहत मेट्रो स्टेशन से भी इसका कनेक्ट होगा।
पांच मंजिला पार्किंग भी बनाया जाएगा।
15749 वर्ग मीटर की जमीन नेहरू प्लेस बस टर्मिनल डिपो पर है। 7735 वर्गमीटर की जमीन पर बस टर्मिनल के लिए बारह मंजिला भवन बनाया जाएगा। भूतल पर बस टर्मिनल होगा, फिर एक से पांच मंजिल तक पार्किंग होगी और ऊपर सात मंजिल (6 से 12 मंजिल) का व्यावसायिक कांप्लेक्स होगा।