मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव “भगवान जगन्नाथ रथ-यात्रा” में शामिल हुए
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव: आरती उतारकर एवं पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की, स्वर्ण झाडू से की यात्रा मार्ग की, सफाई और रथ खींचकर आगे बढ़ाया, रथ यात्रा ने पूरे ग्वालियर को जोड़ने का काम किया है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ग्वालियर में “भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा” में शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार की देर रात ग्वालियर के सराफा बाजार में पहुँचकर भगवान जगन्नाथ जी की आरती उतारी एवं पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली के लिये प्रार्थना की। साथ ही स्वर्ण झाडू से भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के मार्ग की सफाई की। इसके पश्चात विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचकर आगे बढ़ाया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ग्वालियर में आज श्रृद्धाभक्ति का सैलाब उमड़ा है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा ने पूरे ग्वालियर को जोड़ने का काम किया है। सौभाग्य की बात है कि मुझे भी इस पुनीत अवसर का साक्षी होने का मौका मिला है। साथ ही कहा कि पूरी दुनिया में इस्कॉन द्वारा भारतीय सनातन संस्कृति एवं भगवान राम एवं श्रीकृष्ण के संदेश को जन-जन तक पहुँचाया जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णा भावनामृत (इस्कॉन) के तत्वावधान में शनिवार को ग्वालियर शहर में भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा निकली। रथ यात्रा में विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं सांसद श्री भारत सिंह कुशवाह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण भी शामिल हुए। साथ ही इस्कॉन के इंटरनेशनल चेयरमेन श्री गुरू प्रसाद स्वामी, मध्यप्रदेश के जोनल सेकेट्री महामना प्रभु, रीजनल सेकेट्री व प्राणेश्वर प्रभु सहित अन्य विशिष्टजन भी इस यात्रा में सहभागी बने।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा ने पूरे ग्वालियर शहर को जोड़ने का काम किया है। साथ ही समूचे शहर में भक्तिभाव का संचार किया है। उन्होंने कहा ग्वालियर की रथ यात्रा देखकर उड़ीसा की रथ यात्रा का आभास हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वास जताया कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा ग्वालियर सहित सम्पूर्ण प्रदेश के लोगों के जीवन में खुशियों का संचार करेगी।
शनिवार को सनातन धर्म मार्ग स्थित जीवायएमसी मैदान से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू हुई। यह यात्रा दाल बाजार, नया बाजार, लोहिया बाजार, ऊँट पुल, दौलतगंज, महाराज बाड़ा, सराफा, नई सड़क व हनुमान चौराहा होते हुए गोयल वाटिका पहुँची और यहीं पर यात्रा का समापन हुआ।
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