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Shani Amavasya 2025: साल का पहला सूर्य ग्रहण चैत्र अमावस्या पर, जानें स्नान दान का शुभ मुहूर्त

Shani Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि के दिन पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंड़दान करना उत्तम है। इस दिन साल का पहला सूर्यग्रहण भी होगा। आइए जानते हैं कि स्नान-दान और तर्पण का शुभ मुहूर्त क्या होगा।

Shani Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या का एक विशेष महत्व है। इस दिन पितरों को स्नान दान और श्राद्ध करना अच्छा माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे वह खुश और खुश रहता है। वहीं, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप दूर होता है। इस वर्ष चैत्र माह की अमावस्या तिथि पर वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण होने वाला है। साथ ही शनिदेव राशि बदलेंगे। सूर्य ग्रहण के दौरान पितरों का तर्पण करना शुभ नहीं माना जाता है, तो ऐसे में चैत्र अमावस्या पर तर्पण और स्नान दान कब किया जाएगा

चैत्र अमावस्या पर स्नान करने और तर्पण करने का समय

वैदिक पंचांक के अनुसार कल चैत्र माह की अमावस्या तिथि है। उस दिन दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से शाम 6 बजकर 16 मिनट तक सूर्य ग्रहण होगा। ऐसी स्थिति में आपको पितरों का तर्पण करने से पहले स्नान करना होगा। यानी चैत्र अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दान करने का समय चार बजे ४२ मिनट से पांच बजे २८ मिनट है। साथ ही, अभिजीत मुहूर्त 12 बजे 1 मिनट से 12 बजे 51 मिनट तक है। इस दौरान स्नान दान का बहुत ही शुभ होता है।

तर्पण की विधि

पितरों को चैत्र अमावस्या के दिन तर्पण करने के लिए स्नान करें। बाद में कुशा की सहायता से जल, काले तिल और सफेद फूल से पितरों को देखें। इस समय अपना मुख दक्षिण की ओर रखें और अपने अंगूठे से धीरे-धीरे पितरों को जल अर्पित करें। साथ ही पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।

चैत्र अमावस्या का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, चैत्र अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान और पितरों की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण तथा पिंड़दान करने से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे व्यक्ति के रुके हुए काम पूरे होते हैं. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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