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CM Yogi Adityanath ने फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित किया, यूपी आज रेवेन्यू सरप्लस स्टेट

CM Yogi Adityanath ने कहा कि भारत जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन इसे लंबे समय से ‘बीमारू’ राज्य कहा जाता था। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के समय उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के बराबर थी

CM Yogi Adityanath ने कहा कि उत्तर प्रदेश, जो 2017 से पहले कभी अपने कर्मचारियों को वेतन देने की भी स्थिति में नहीं था, आज रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बन गया है। फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उपभोक्ता व श्रम बाजार के साथ उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। फिक्की ने कहा कि इस संगठन ने निवेशकों के लिए सुखद माहौल और ईकोसिस्टम बनाने में सरकार का साथ दिया है, जो उत्तर प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। विशेष रूप से इन्वेस्टर समिट 2018 और 2023 को सफल बनाने में फिक्की का योगदान सराहनीय रहा है।

CM Yogi Adityanath ने कहा कि भारत जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन इसे लंबे समय से “बीमारू” राज्य कहा जाता था। उन्होंने बताया गया कि उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय स्वतंत्रता के समय राष्ट्रीय औसत के बराबर थी, लेकिन बाद में धीरे-धीरे घटकर एक तिहाई रह गई। यद्यपि, पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने बहुत बड़ी प्रगति की है, जो देश और दुनिया दोनों ने देखा है। इस बदलाव का मुख्य कारण फिक्की जैसे संगठनों का नीति निर्माण में सहयोग था।

CM Yogi Adityanath ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और उनकी प्रेरणा से उत्तर प्रदेश ने जो कदम आगे बढ़ाए हैं, उसके आप सभी साक्षी हैं। आदित्यनाथ ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश बीमार राज्यों की कतार में नहीं है, बल्कि राज्यों की पहली पंक्ति में खड़ा होकर तीव्र गति से विकास कर रहा है। यह राज्य विकसित राज्य बनने की ओर बढ़ा है। आज उत्तर प्रदेश भारत का विकास करने वाला हथियार बन गया है। यह राज्य अब बीमार नहीं है, बल्कि देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।

1980 के दशक के मध्य में जनसांख्यिकीविद् आशीष बोस ने “बीमारू” शब्द बनाया था। यह शब्द देश के कुछ सबसे गरीब राज्यों (बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) के नामों के पहले अक्षरों से बना था। बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य इसलिए कहा गया था क्योंकि ये प्रदेश आर्थिक विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा और अन्य मामलों में पिछड़े हुए थे।

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