CM Yogi Adityanath ने गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के प्रकाश उत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित किया
CM Yogi Adityanath: गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज ने देश व धर्म को बचाने एवं जाति भेद तथा छुआछूत के भाव को समाप्त करने के उद्देश्य से खालसा पंथ की स्थापना की
उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath ने कहा कि गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज ने देश व धर्म को बचाने एवं जाति भेद तथा छुआछूत के भाव को समाप्त करने के उद्देश्य से खालसा पंथ की स्थापना की थी। सिख गुरुओं के बलिदान की एक लम्बी श्रृंखला है। गुरु नानक देव जी, गुरु अर्जुन देव जी, गुरु तेग बहादुर सिंह जी तथा गुरु गोबिन्द सिंह जी तक सिख गुरुओं का गौरवशाली अतीत है। हमारा दायित्व है कि गुरु परम्परा की इस लम्बी यात्रा से प्रेरणा प्राप्त करें। गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज का प्रकाश पर्व इसी प्रेरणा का दिवस है।
CM Yogi Adityanath यहां डी0ए0वी0 डिग्री कॉलेज में गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के प्रकाश उत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी को सरोपा तथा सम्मान चिन्ह भेंट किया गया। मुख्यमंत्री जी ने श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के समक्ष मत्था टेका। उन्होंने गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के प्रकाश उत्सव की सभी को बधाई दी।
CM Yogi Adityanath ने कहा कि गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज एक शहीद पिता के पुत्र तथा शहीद पुत्रों के पिता थे। 26 दिसम्बर, 2024 को देश ने वीर बाल दिवस के माध्यम से गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह तथा माता गुजरी की शहादत के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की तथा उनकी स्मृतियों को नमन किया।
CM Yogi Adityanath ने कहा कि गुरु तेग बहादुर सिंह जी महाराज ने देश व धर्म के लिए अपनी शहादत दी। गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज ने उस समय गुरु तेग बहादुर सिंह जी को शहादत के लिए प्रेरित किया था। गुरु गोबिन्द सिंह जी ने अपने पिता से कहा कि देश व धर्म पर संकट है। यदि किसी महान व्यक्ति का बलिदान होगा, तभी विधर्मी बेनकाब होंगे और देश उनके विरुद्ध खड़ा होगा। गुरु गोबिन्द सिंह जी ने गुरु तेग बहादुर सिंह जी से कहा कि इस महान बलिदान के लिए उनसे उपयुक्त कोई अन्य व्यक्ति नहीं हो सकता। इसीलिए गुरु तेग बहादुर सिंह जी ने अपना शीश दिया और भारत के शीश कश्मीर को बचा लिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गुरु गोबिन्द सिंह महाराज के दो छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह पर वजीर खान ने इस्लाम स्वीकार करने का दबाव डाला, लेकिन दोनों साहिबजादों ने इससे मना कर दिया। तब उन्हें जीवित ही दीवारों में चुनवा दिया गया। चमकौर के युद्ध में दोनों बड़े साहिबजादे बाबा अजीत सिंह और बाबा जुझार सिंह शहादत को प्राप्त हुए। माता गुजरी ने इस दुःख में स्वयं का प्राणोत्सर्ग कर दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन विपरीत परिस्थितियों में आगे बढ़ते हुए गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज ने एक ही बात कही कि ‘चार मुए तो क्या हुआ, जीवित कई हजार’। यह मंत्र आज भी पूरे भारत को एक नई प्रेरणा देता है। इसी गुरु परम्परा के प्रति श्रद्धा का भाव हमें नया जीवन और प्रेरणा देता है तथा नई ऊर्जा का संचार करता है। ‘सकल जगत में खालसा पंथ गाजे, जगे धर्म हिन्दू सकल भंड भाजे’ का उद्घोष करके उन्होंने उस समय देश और धर्म के मार्ग में बाधा बनी विधर्मी ताकतों को चुनौती दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि गुरु तेग बहादुर सिंह जी महाराज, गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के बचपन में उनके साथ लखनऊ के यहियागंज गुरुद्वारे में रुके थे। इस ऐतिहासिक परम्परा का संरक्षण करने तथा भावी पीढ़ी को इस इतिहास से अवगत कराना हमारा दायित्व है। इस वर्ष गुरु तेग बहादुर सिंह जी महाराज के 350वें शहीदी पर्व से जुड़ने का अवसर हम सभी को प्राप्त होगा। इन आयोजनांे को बड़े पैमाने पर किये जाने की आवश्यकता है। इससे लोगों को खालसा पंथ तथा सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान के बारे में जानकारी और प्रेरणा मिलेगी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, कृषि राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह ओलख सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
Source: https://information.up.gov.in