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महाकुंभ में भगदड़ के बाद CM Yogi एक्शन में,  5 और IAS-PCS भेजे गए, संगम नोज पर नई तैनाती

यूपी के CM Yogi Adityanath महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद से लगातार कार्य कर रहे हैं। महाकुंभ की व्यवस्था को सुधारने के लिए एक आईएएस और चार पीसीएस अधिकारियों की नियुक्ति की गई।

यूपी के CM Yogi Adityanath महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद से लगातार कार्य कर रहे हैं। गुरुवार को महाकुंभ की व्यवस्था को सुधारने के लिए एक आईएएस और चार पीसीएस अधिकारियों की नियुक्ति की गई। 15 फरवरी तक ये अधिकारी प्रयागराज में रहेंगे और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में सहयोग देंगे। मंडलायुक्त के पद पर बुधवार को आशीष गोयल और एडीए के वीसी रहे भानु गोस्वामी की नियुक्ति की गई। दोनों नदियों पर भी पहुंच गए हैं। विशेष सचिव स्तर के पांच अधिकारियों को भी भेज दिया गया है। नए मजिस्ट्रेट और अन्य अधिकारियों को संगम नोज में नियुक्त किया गया है।

आईएएस अधिकारी खाद्य एवं रसद विभाग के विशेष सचिव अतुल सिंह, पीसीएस अधिकारी युवा कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक अशोक कुमार, कानपुर के अपर जिलाधिकारी (नागरिक आपूर्ति) आशुतोष कुमार दुबे, हरदोई के अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी और बस्ती के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) प्रतिपाल चौहान को नियुक्त किया गया है।

मौनी अमावस्या पर संगम नोज पर भगदड़ में तीस लोग मारे गए। 60 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। सीएम योगी ने मामले की न्यायिक जांच का कल ही आदेश देते हुए तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी है। यह कमेटी शुक्रवार को प्रयागराज में जांच शुरू कर सकती है।

जवाबदेह अधिकारी ने छोड़ा मैदान, पुलिस भी कम

मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में विभाजित कर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को लगाया गया है। विनय कुमार को संगम नोज सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। इस क्षेत्र में दो सीओ हैं, प्रथम भास्कर कुमार और द्वितीय विशाल चौधरी। संगम थाना का प्रभार नागेंद्र कुमार नागर है, और संगम चौकी का प्रभार एसआई सुनील कुमार है। कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने मंगलवार रात संगम नोज पर भीड़ का दबाव बढ़ने पर श्रद्धालुओं से स्नान करने की अपील की, लेकिन लोग 12 बजे के बाद ही स्नान करने पर अड़े रहे।

कमिश्नर की अपील अनसुनी रह गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घटना के समय पुलिस कम थी। सेंट्रल फोर्स के युवा अवश्य दिखे। इन जवानों ने दबाव को नियंत्रित करने की कोशिश की जब श्रद्धालुओं का रेला आया और दबाव बढ़ने लगा, लेकिन उनकी संख्या इतनी कम थी कि वे चाहकर भी कुछ नहीं कर सके। सेंट्रल फोर्स के एक अफसर श्रद्धालुओं के बीच में दब गए थे, जिन्हें उनके जवानों ने निकाला फिर यह लोग भी किनारे हो गए। हादसे की अगली सुबह प्रशासन और पुलिस के दो आला अफसरों के बीच तू-तू मैं-मैं होने की भी चर्चा जोरों पर है।

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