
Delhi news: दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में आरोपित दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित अन्य लोगों को कोई राहत नहीं मिली। सिसोदिया सहित अन्य आरोपियों को अधिकतम न्यायिक हिरासत दी गई है।
सिसोदिया सहित अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है।दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत अगली तारीख तक बढ़ा दी गई है। दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई के मामले में आरोप पर बहस को 30 मई के लिए स्थगित कर दिया है। मनीष सिसोदिया सहित जेल में बंद अन्य आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी।
मंगलवार को ED ने चौंकाने वाली घोषणा की
मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय से कहा कि वह आम आदमी पार्टी को दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में आरोपी बनाएगा। यह ईडी ने धनशोधन मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा था।
ईडी के वकील ने न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा से कहा, ‘आप मामले में दायर की जाने वाली अगली अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) में सह-आरोपी होंगे।ईडी, सीबीआई और हाई कोर्ट द्वारा धनशोधन और भ्रष्टाचार मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर दलीलें सुन रहे थे।
अदालत ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा। भारतीय जनता पार्टी (आप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि कोई राजनीतिक दल धनशोधन रोधी कानून के तहत नहीं आता। हाल ही में, हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए माना कि धनशोधन रोधी अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 70, जो कंपनियों से संबंधित है, इस मामले में लागू होती है।
ईडी ने आप की तुलना एक कंपनी और केजरीवाल की तुलना उसके निदेशक से की थी।ईडी के अधिवक्ता ने कहा कि आरोपी पक्ष मामले में आरोप तय करने की प्रक्रिया में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं। ईडी द्वारा दी गई दलीलों को स्वीकार करते हुए सीबीआई ने भी आप नेता की भ्रष्टाचार मामले में जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि देरी के लिए पूरी तरह से आरोपी व्यक्ति जिम्मेदार हैं।
सिसोदिया के अधिवक्ता ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि ईडी और सीबीआई अभी भी लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं और मुकदमे की सुनवाई जल्द ही पूरी होगी। सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा कि निचली अदालत ने जमानत याचिका खारिज करते हुए यह नहीं बताया कि आप नेता ने देरी में कैसे योगदान दिया है।