
स्वास्थ्य मंत्री Dr. Balbir Singh ने घोषणा की, यह पंजाब का नशों के खिलाफ निर्णायक युद्ध है, हमारे पास जीतने की रणनीति और राजनीतिक इच्छाशक्ति है
Dr. Balbir Singh News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा शुरू किए गए नशा विरोधी अभियान ‘युद्ध नशियां विरुद्ध’ के बीच राज्य से नशे की लत को खत्म करने के लिए एक और निर्णायक कदम उठाते हुए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने मंगलवार को गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ एक उच्च स्तरीय परामर्श और सहयोगात्मक बैठक के दौरान पांच-स्तंभ कार्य योजना का अनावरण किया। यह रणनीति आपूर्ति में कमी, मांग में कमी, नुकसान में कमी और कलंक में कमी के माध्यम से नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने के लिए राज्य के दृष्टिकोण में एक आदर्श बदलाव को दर्शाती है।
पंजाब के दशकों पुराने “राजनीतिक-पुलिस-अपराधी गठजोड़” को समाप्त करने की घोषणा करते हुए Dr. Balbir Singh ने कहा, “अब गायब हिस्सा-राजनीतिक इच्छाशक्ति-मौजूद है। सीएम भगवंत सिंह मान के नेतृत्व और आपकी जमीनी ताकत के साथ, हम एक ‘रंगला पंजाब’ बनाएंगे।”
यहां पंजाब भवन में हुई बैठक में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ यूथ एंड मासेज (एसपीवाईएम), अनन्या बिड़ला फाउंडेशन, कलगीधर ट्रस्ट बड़ू साहिब, हंस फाउंडेशन, सन फाउंडेशन आदि सहित देश भर के 30 से अधिक गैर सरकारी संगठनों और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली, पीजीआई चंडीगढ़, एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
नशे की मांग-आपूर्ति के चक्र को तोड़ने तथा प्रभावित व्यक्तियों के लिए सहानुभूतिपूर्ण पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता पर बल देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने आने वाली पीढ़ी – बच्चों और छात्रों – को नशे के खतरे का शिकार होने से रोकने की आवश्यकता पर बल दिया, साथ ही उन लोगों के उपचार को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जो पहले से ही नशे के आदी हैं।
Dr. Balbir Singh ने कहा कि नुकसान कम करने के लिए पंजाब सरकार जल्द ही सभी मेडिकल कॉलेजों में तरल मेथाडोन की खुराक शुरू करने जा रही है, जो नशे की लत से ग्रस्त लोगों को मुख्यधारा में लाने का बहुत प्रभावी तरीका साबित हुआ है।
नशे की लत से पीड़ित लोगों के इलाज को चुनौतीपूर्ण बताते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि इससे निपटने के लिए डॉक्टर नशे के आदी व्यक्ति को बीपीएनएक्स (ब्यूप्रेनॉर्फिन+नालोक्सोन) या लिक्विड मेथाडोन की खुराक या कोई अन्य तरीका देकर उसे इंजेक्शन के जरिए नशे की लत से दूर रखेंगे। उन्होंने कहा, “नशा मुक्ति उपचार के बाद हम मरीज को पुनर्वास केंद्र में ले जाएंगे और उसे मुख्यधारा में लाने के लिए कौशल विकास पाठ्यक्रम प्रदान करेंगे।” उन्होंने कहा कि वे रोजगार सृजन विभाग की मदद से मरीज को अच्छी नौकरी भी दिलवाएंगे ताकि दोबारा नशे की लत से बचा जा सके।
मंत्री Dr. Balbir Singh ने नशे की लत की रोकथाम और कलंक को कम करने के प्रयासों को बढ़ाने के लिए गैर सरकारी संगठनों से भी सहयोग मांगा, उन्होंने जोर देकर कहा, “नशा एक बीमारी है, कोई अपराध नहीं। हमें पीड़ितों से सहानुभूति के साथ संपर्क करना चाहिए और उन्हें सम्मानजनक तरीके से फिर से जुड़ने के लिए कौशल प्रदान करना चाहिए।” उन्होंने पुनर्वास केंद्रों और सामुदायिक सहायता समूहों का विस्तार करने के लिए धार्मिक संगठनों के साथ साझेदारी का भी प्रस्ताव रखा।
Dr. Balbir Singh ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के बीच बेहतर तालमेल और खुफिया जानकारी साझा करने के लिए एक डेटा इंटेलिजेंस यूनिट स्थापित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिससे विशेष क्षेत्रों में नशीली दवाओं के प्रचलन का पता लगाने और उसके अनुसार उपचार रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। बैठक के दौरान विभिन्न सत्रों में पीयर लीडरशिप पहल और मॉडल नशा मुक्ति केंद्र आदि सहित अन्य निवारक हस्तक्षेपों पर भी चर्चा की गई।
Dr. Balbir Singh ने सभी गैर सरकारी संगठनों से पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए आगे आने का आह्वान किया ताकि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के ‘रंगला पंजाब’ के सपने को साकार किया जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कुमार राहुल, एडीजीपी नीलाभ किशोर, एमडी एनएचएम घनश्याम थोरी, एमडी पीएचएससी अमित तलवार, डीआईजी एएनटीएफ संजीव रामपाल, एआईजी एएनटीएफ अश्विनी गोट्याल, निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. हितिंदर कौर, एडी (मानसिक स्वास्थ्य) डॉ. संदीप भोला, होम्योपैथी परिषद के चेयरमैन डॉ. टीपी सिंह, गवर्नेंस फेलो- सुजीत किशन, आर्यन साही, अंशु गुप्ता, श्रीजिता चक्रवर्ती और नेहा चौधरी, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।