इन कारणों से महिलाओं में यूरिक एसिड का स्तर तेजी से बढ़ता है; कितना होना चाहिए नार्मल स्तर? जानें

यूरिक एसिड की समस्या अक्सर पुरुषों से अधिक होती है। पर क्यों आइए, जानते हैं।
यूरिक एसिड की समस्या अक्सर पुरुषों से अधिक होती है। पर क्यों? वास्तव में, महिलाओं का हार्मोनल स्वास्थ्य सबसे अधिक प्रभावित होता है। इसके अलावा उनकी पाचन क्रिया भी प्रभावित रहती है जिस वजह से शरीर प्यूरिन पचा नहीं पाता है और यूरिक एसिड की समस्या बढ़ने लगती है। साथ ही, सेहत से जुड़े कई और कारण हैं जो महिलाओं में यूरिक एसिड की समस्या को बढ़ा सकते हैं। आइए, जानते हैं।
यूरिक एसिड महिलाओं में इन कारणों से अधिक होता है:
पीरियड्स और हार्मोनल हेल्थ: सेक्स हार्मोन यूरिक एसिड को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रीमेनोपॉजल महिलाओं में पीरिड्स के आसपास या इस दौरान अधिक यूरिक एसिड होता है। हार्मोनल स्वास्थ्य की कमी इसका कारण है। ऐसे में ये समस्या लगातार हो तो डॉक्टर को दिखाएं।
खराब पाचन क्रिया की वजह से: मेटाबॉलिज्म आपके शरीर में यूरिक की मात्रा पर असर डालता है। दरअसल, जब शरीर प्रोटीन, खासकर प्यूरिन, पचाने में निष्क्रिय रहता है, तब यूरिक एसिड की समस्या शुरू होती है। डायबिटीज, मेटाबोलिक सिंड्रोम, गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग और क्रोनिक किडनी रोगों के कारण हो सकता है।
व्रत के कारण: महिलाएं अक्सर अधिक पूजा या व्रत करती हैं। इससे मेटाबोलिज्म और डाइजेस्टिव एंजाइम्स पर प्रभाव पड़ता है। इससे प्रोटीन को पचाने के लिए डाइजेस्टिव एंजाइम्स कम हो जाते हैं, जो यूरिक एसिड की समस्या का कारण बनता है।
मेनोपॉज के कारण: मेनोपॉज वाली महिलाओं में सीरम यूरिक एसिड अधिक होता है। ये एस्ट्रोजेन की कमी से होता है, जिससे शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। तो, ऐसी तमाम समस्याओं को महिलाएं नजरअंदाज ना करें और डॉक्टर को जा कर दिखाएं।