गुरुद्वारा चिल्ला साहिब
4 अगस्त 2019 को गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भूमि दी थी। इसी भूमि पर गुरुद्वारा चिल्ला साहिब बना हुआ है। इसी दिन गुरुद्वारे में कार्यक्रम चल रहा था, तो दूसरी ओर नवनियुक्त सीएम नायब सिंह सैनी ने बीते दिन कैबिनेट की मीटिंग में इसे अमलीजामा पहना दिया, जिसके कारण जिले में उत्साह है। यह जानकारी सुरेंद्र सिंह वैदवाला, चेयरमैन गुरुनानक मिशन चैरिटेबल ट्रस्ट, और कार सेवा वाले जत्थेदार बाबा जगतार सिंह ने दी।
गुरुद्वारा चिल्ला साहिब में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि गुरु नानक देव जी ने 1567 विक्रमी, 14 आषाढ़ में सिरसा की पावन धरती पर पहली बार प्रवेश किया था। उस वक्त गुरुद्वारे की जगह अब्दुल सकूर रहता था। उनका पीर करामात का प्रतीक था। वे सेवा करने के बाद लगभग सवा चार महीने तक लगातार यहीं रहे और सेवा के बाद बाहर आए थे।
यद्यपि अपने पीर पैगंबर के चमत्कार के बारे में बहुत सारे मिथ्या विचार थे, लेकिन समूह उनकी शरण में आया और गुरुनानक देव जी द्वारा दिए गए सद्मार्ग के संदेश से प्रेरित होकर उनके पीर के अंहकार को दूर कर उन्हें सद्मार्ग का रास्ता दिखाया। उनकी भक्ति और शक्ति को हर कोई जानता था।
उन्होंने हमेशा संगत को मेहनत करने, अच्छाई के रास्ते पर चलने व दूसरों की मदद करने का गुरमंत्र दिया। इस मौके पर बाबा नरेंद्र सिंह, लखबीर सिंह गिल, गुरमेल सिंह, काला सिंह सेवादार, जीवन सिंह सहित अन्य सिख संगत उपस्थित थीं।