Haryana news: 2019 में 58.2 प्रतिशत वोट मिले थे, इस बार 46.11 प्रतिशत।
Haryana news: भाजपा को हरियाणा में पिछले पांच वर्षों में लगभग 12 प्रतिशत वोटों का नुकसान हुआ है। भाजपा को अक्तूबर 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भी भारी नुकसान हुआ था। लोकसभा चुनावों में आमतौर पर राष्ट्रीय मुद्दे होते हैं।ऐसे में, भाजपा को विधानसभा चुनावों में कम वोट मिलने का अनुभव भी हुआ, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनावों के परिणामों ने भाजपा को झटका दिया है।
2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 58.2% वोट पाए थे। भाजपा ने लोकसभा की सभी दस सीटों पर भी जीत हासिल की थी। भाजपा ने इस बार पांच सीट खो दीं।पार्टी का वोट प्रतिशत भी घटकर 46.11% रह गया। कांग्रेस का वोट प्रतिशत दूसरी ओर बढ़ा है। 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 28.5% वोट प्राप्त किए थे।
भारत गठबंधन ने इस बार हरियाणा में 47.61 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं। पूरे देश में हरियाणा अकेला ऐसा राज्य है, जहां इंडिया गठबंधन को इतने प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं।
कर्नाटक 45.3% वोटों से दूसरे स्थान पर है। 2019 के लोकसभा चुनावों में जननायक जनता पार्टी को 4.9% वोट मिले थे।
बसपा का वोट प्रतिशत 3.6 प्रतिशत था, जबकि इनेलो का वोट प्रतिशत 1.9 प्रतिशत था। 2.9 प्रतिशत अन्य मत हासिल हुए थे। इनेलो को इस बार के लोकसभा चुनावों में 1.74 प्रतिशत वोट मिले, जबकि जजपा को 0.87 प्रतिशत वोट मिले। बसपा ने भी 1.28 प्रतिशत वोट हासिल किए।लोकसभा के चुनावी नतीजों ने कांग्रेस को खुश होने की बड़ी वजह दे दी है। विधानसभा पर भी इन नतीजों का इसी तरह का असर होगा, इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती। इसका कारण यह है कि इंडिया गठबंधन 47.61 प्रतिशत वोट हासिल करने के बावजूद सत्तारूढ़ भाजपा भी 46.11 प्रतिशत वोट हासिल कर चुकी है।
कांग्रेस ने कुरुक्षेत्र में अपने 3.94 प्रतिशत वोटों को नौ सीटों पर 43.67 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं। दस वर्षों से शासन कर रहे भाजपा को 46.11 प्रतिशत वोट मिलना भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
2005 में कांग्रेस ने 67 विधायकों को चुना
मार्च 2005 में हरियाणा में कांग्रेस ने 67 विधायकों की जीत हासिल की। 2009 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 40 विधायकों के साथ लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। यही कारण है कि 2004 और 2009 में भी राज्य में कांग्रेस सांसदों की संख्या नौ-नौ रही। 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने केवल रोहतक सीट जीती और विधानसभा में पंद्रह सीटों पर ही जीत हासिल की। इसी तरह भाजपा ने 2014 में 47 विधायकों के साथ पहली बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई। 2019 में 40 विधायकों ने साथ दूसरे कार्यकाल शुरू किया। भाजपा को दस वर्षों के कार्यकाल के बाद भी पांच लोकसभा सीटों पर जीत और 46.11 प्रतिशत वोट मिलना घाटे का सौदा नहीं है।
साल 2019 में रचा था इतिहास
भाजपा को अक्टूबर 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में 36.7 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन पार्टी ने सिर्फ चालीस सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने 31 सीटों पर 28.2 प्रतिशत वोट जीते थे। 10 विधायकों वाली जजपा ने 14.9 प्रतिशत मत प्राप्त किए। लेकिन बसपा का विधायक एक भी नहीं बना, उसका वोट प्रतिशत 4.2% रहा। इनेलो के अभय चौटाला अकेले ऐलनाबाद से विधायक बने। उनकी पार्टी को सिर्फ 2.5 प्रतिशत वोट मिले थे।