Haryana News: आप और कांग्रेस के गठबंधन की हरियाणा चुनाव में जीत असंभव थी। BJP को केवल 0.85% ज्यादा वोट मिले। कांग्रेस के साथ होते तो भी गठबंधन बीजेपी से कम वोट पाता, हालांकि आप को 1.79% वोट मिले।
Haryana Assembly Election Result 2024: राघव चड्ढा आम आदमी पार्टी से सांसद हैं। बड़े नेता हैं। हरियाणा चुनाव के नतीजे आने के बाद उन्होंने कुछ तुकबंदी लिखी है।
“हमारी आरज़ू की फिक्र करते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत का ख्याल रखते तो एक अलग शाम होती”, तुकबंदी कहता है। आज वह भी मेरे साथ छोड़ने पर पछता रहा होगा, अगर हम चलते तो कुछ अलग होता।
राघव चड्ढा का संकेत स्पष्ट रूप से कांग्रेस और राहुल गांधी की ओर है, जो हरियाणा में गठबंधन नहीं कर पाए हैं। नतीजतन, कांग्रेस लगातार तीसरी बार सत्ता से बाहर हो गई और आम आदमी पार्टी भी हार गई। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ते तो परिणाम अलग होता। यदि हरियाणा में आम आदमी पार्टी को केवल 1.79 प्रतिशत वोट मिले हैं, वो कांग्रेस के साथ आती तो बाजी पलट जाती. आखिर क्या है आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर जीतने की जमीनी हकीकत, बात करेंगे विस्तार से।
बीजेपी को कांग्रेस से सिर्फ 0.85 प्रतिशत अधिक वोट मिले हैं।
हरियाणा चुनाव के नवीनतम नतीजों में बीजेपी को 48 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस को 37 सीटें मिली हैं। कांग्रेस और बीजेपी के बीच 11 सीटों का अंतर है, लेकिन बीजेपी को कांग्रेस से सिर्फ 0.85 प्रतिशत अधिक वोट मिले हैं। यानी कि वोट प्रतिशत में जीतने वाली पार्टी और हारने वाली पार्टी के बीच एक फीसदी का भी अंतर नहीं है। साथ ही, आम आदमी पार्टी ने हरियाणा चुनाव में कुल 1.79 प्रतिशत वोट पाए हैं।
अब अगर ये वोट कांग्रेस के खाते में जुड़ जाते हैं तो कांग्रेस और आप के वोट मिलकर बीजेपी से ज्यादा हो जाते हैं। यही कारण है कि गठबंधन ने जीत हासिल की होती अगर दोनों एक साथ चुनाव लड़ते।
लेकिन राजनीति में हमेशा दो नहीं होते। सीटों के मामले में भी वोट प्रतिशत में आगे रहने वाली पार्टी पिछड़ जाती है। हरियाणा भी इसी तरह है। इस क्षेत्र में कम से कम पांच सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के वोट मिलकर बीजेपी से अधिक होते हैं। उदाहरण के लिए
- असंध में, कांग्रेस को 2306 वोट से जीत मिली, जबकि आप को 4290 वोट मिले।
- डबवाली में आप 4290 मिले थे, कांग्रेस 610 वोटों से हारी।
- उचाना कलां में कांग्रेस महज 32 वोट से हार गई, जबकि आप को कुल 2495 वोट मिले।
- रानियां में AAP को 4697 वोट मिले, जबकि कांग्रेस 4100 वोट से हारी।
- दादरी में AAP को 1339 वोट मिले, कांग्रेस 1957 वोट से हारी।
लेकिन ये सिर्फ पांच सीटें हैं जहां बीजेपी से अधिक वोट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलते हैं। यदि गठबंधन इन पांचों सीटों को जीत लेता तो भी कांग्रेस-आप के पास सिर्फ 42 सीटें होती। साथ ही, इन पांच सीटों में से रानियां और डबवाली में बीजेपी की जगह इंडियन नेशनल लोक दल ने जीता है। इसलिए बीजेपी की सीटें सिर्फ तीन कम होती, और उनका आंकड़ा 45 पर ही रहता। तब भी बीजेपी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन से अधिक होती।
लिहाजा ये कहना कि अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़त तो तस्वीर कुछ और होती, पूरी तरह से सही नहीं है। साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस को कुछ सीटें छोड़नी पड़तीं, जहां वह अपने उम्मीदवार को उतारा होता। साथ ही, गठबंधन में होने के बावजूद कांग्रेस वोटर आम आदमी पार्टी को वोट देने के लिए तैयार है। क्योंकि सपा-बसपा गठबंधन के 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट ट्रांसफर करने के तरीके पर विश्व भर ने चर्चा की है।