
Haryana News: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने दिया पुरस्कार
Haryana News: हरियाणा सरकार द्वारा सुशासन की दिशा में प्रयोग की जा रही टेक्नोलॉजी के लगातार सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में नई दिल्ली में भारत सरकार के भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा आयोजित “आधार-संवाद” कार्यक्रम में प्रदेश को “बच्चों के आधार नामांकन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य” श्रेणी के तहत हरियाणा को प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने किया था। हरियाणा की ओर से राज्य का प्रतिनिधित्व आईटी विभाग के विशेष सचिव श्री राहुल नरवाल और क्रीड के प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ श्री कमलेश्वर केशरी ने किया। उन्होंने “आधार-संवाद” कार्यक्रम में प्रदेश सरकार द्वारा समग्र “आधार पारिस्थितिकी तंत्र” को सुचारू रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाई गई कई तकनीक को सांझा किया।
उन्होंने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के कुशल नेतृत्व में हरियाणा ने एयूए/केयूए के इनहाउस डेवलपमेंट, आधार डेटा वॉल्ट और पटवारियों तथा तहसीलदारों के सहयोग से वयस्क आधार नामांकन के लिए अभियान चलाया। इसके अलावा बच्चों के आधार नामांकन पर विशेष ध्यान देने के साथ नागरिकों की सुविधा के लिए कई अन्य कदम उठाए गए हैं। हरियाणा को मिला यह पुरस्कार आधार पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार, परिचालन दक्षता और सेवा उत्कृष्टता के प्रति राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वहीं,केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि “आधार” डिजिटल इंडिया पहल की आधारशिला के रूप में उभरा है, जो सार्वजनिक सेवा वितरण में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करते हुए नागरिकों को सशक्त बनाता है। उन्होंने कहा कि नवाचार और सहयोग के माध्यम से यूआईडीएआई के लगातार प्रयास सराहनीय हैं। इसके साथ ही “आधार-संवाद 2025” ने ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक इंटरैक्टिव प्लेटफॉर्म प्रदान किया, जिसमें अत्याधुनिक नवाचारों का प्रदर्शन किया गया। इसमें राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों की विभिन्न पहलों पर भी चर्चा की गई।
इस मौके पर यूआईडीएआई के अध्यक्ष, सीईओ, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव और विभिन्न राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।