Haryana news: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को बड़ा झटका देते हुए सरकारी नौकरियों में पांच बोनस अंक देने के निर्णय पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस पर फैसला सुनते हुए कहा कि यह असंवैधानिक था।
Haryana news: हरियाणा की खट्टर सरकार ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े आवेदकों को पांच बोनस अंक देने का निर्णय लिया है। 5 मई 2022 से निर्णय लागू हो गया।इसके तहत, जिस परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में न हो और परिवार की सालाना आय 1.80 लाख रुपये से कम हो, आवेदक को पांच अतिरिक्त अंक मिलेंगे।
हरियाणा सरकार ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में 1.80 लाख सालाना आय वाले परिवारों को बोनस अंक दिए। राज्य के परिवार पहचान पत्र (PPP) वाले युवा ही इसका लाभ उठा पाए।अन्य अभ्यर्थियों ने इस निर्णय से नाराज होकर कोर्ट में चुनौती दी।
हरियाणा सरकार के इस निर्णय को बाद में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि “यह एक प्रकार से आरक्षण देने जैसा है।” यह आर्टिफिशियल श्रेणी क्यों बनाई जा रही है जब राज्य सरकार ने पहले ही आर्थिक पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया है?’हरियाणा सरकार ने बाद में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी। सरकार ने हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में चार याचिका दायर की थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे खारिज करार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद 2023 में निकाली गई ग्रुप C और D में नियुक्त किए गए 23 हजार युवा को फिर से परीक्षा देनी पड़ेगी। अगर वे नहीं कर सकते, तो वे नौकरी से बर्खास्त हो जाएंगे।