
दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही आम आदमी पार्टी उसे चुनाव के दौरान दिए गए वादे की याद दिलाने में लगी हुई है। इतना ही नहीं आप कार्यकर्ता प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
आतिशी: होली के त्योहार को अब सिर्फ एक दिन शेष है। सत्ता पक्ष से विपक्ष लगातार पूछताछ करता है कि मुफ्त सिलेंडर का वादा कब पूरा होगा। बीजेपी ने विधानसभा चुनावों के दौरान दिवाली और होली पर गैर सिलेंडर मुफ्त देने का वादा किया था। इसके बावजूद, अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। विपक्षी आप इसको लेकर लगातार सवाल कर रही है. आप कार्यकर्ता इसको लेकर प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
आतिशी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें होर्डिंग लगाकर पूछा जा रहा था कि फ्री सिलेंडर कब दिया जाएगा। वहीं, आतिशी ने दिल्ली की जनता से पूछा, “दिल्ली के लोग पूछ रहे हैं।” होली आ गई है. फ्री सिलेंडर कब आएगा? दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनते ही आतिशी बार-बार महिलाओं के खाते में 2500 रुपये कब मिलेंगे और होली पर मुफ्त सिलेंडर देने का वादा क्यों नहीं पूरा हुआ?
दिल्ली के कई इलाकों में आपका प्रदर्शन
बुधवार को दिल्ली में 40 स्थानों पर आप के कार्यकर्ताओं ने फ्री सिलेंडर के मुद्दे पर प्रदर्शन किया।आपके कार्यकर्ताओं ने विकासपुरी, मोती नगर, सदर बाजार, करोल बाग, मंडी हाउस, द्वारका, पालम, मालवीय नगर, मंगोलपुरी से चांदनी चौक तक प्रदर्शन किया। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया। जवाब देते हुए आतिशी ने कहा, “पहले मोदी जी की दिल्ली की हर महिला को ₹2500/महीना देने की गारंटी जुमला निकली और अब होली पर मुफ्त गैस सिलेंडर देने की गारंटी भी जुमला साबित हो रही है।”
उन्होंने कहा, “जब “आप” के नेता भाजपा को जनता से किए गए इन वादों की याद दिला रहे हैं, तो उन्हें पुलिस द्वारा जबरन गिरफ़्तार करवाया जा रहा है। मोदी जी, आप गारंटी पूरी करेंगे या वादे याद करवाने वालों को जेल में डालेंगे?”
वीरेंद्र सचदेवा ने प्रतिक्रिया दी
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस मुद्दे पर कहा, “आतिशी और AAP ये झूठ, अहंकार और टकराव की राजनीति करते हैं, इसीलिए दिल्ली की जनता ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया है।” अब इन्हें सिलेंडर की चिंता हो रही है। मैं इन्हें बताना चाहता हूं कि बीजेपी ने संकल्प पत्र में जो लिखा था वो हमारी प्रतिबद्धता है और हम उसे पूरा करेंगे लेकिन हर काम को नियमानुसार करने के लिए कुछ प्रशासनिक अनुमति की जरूरत होती है. बजट का प्रावधान करना पड़ता है. वो सिर्फ टकराव की राजनीति करना चाहते हैं।”