धर्म

Mahakumbh 2025: महाकुंभ स्नान के दौरान इन मंत्रों का जाप करें, आपके पाप दूर हो जाएंगे

MahaKumbh: महाकुंभ में करोड़ों लोग आते हैं और अपनी आस्था व्यक्त करते हैं। भक्तों को स्नान करते समय कुछ मंत्र जाप करना चाहिए।

MahaKumbh Mela 2025: इन दिनों पूरी दुनिया में महाकुंभ का उत्सव मनाया जा रहा है। करोड़ों लोग आस्था की यात्रा पर आ रहे हैं। महाकुंभ को भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और एकता का महासंगम के अलावा धार्मिक मेला भी कहा जाता है। इस बार संगम तट पर यानी प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया गया है। महाकुंभ आत्मशुद्धि और मोक्ष का प्रतीक है। माना जाता है कि महाकुंभ पर पैर रखने से जीव के पाप धूल जाते हैं। यहाँ दूर-दूर से लोग महाकुंभ स्नान के लिए आते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रद्धालुओं को महाकुंभ स्नान के दौरान मंत्रों का जाप भी करना चाहिए।

स्नान करते समय किन मंत्रों का जाप करें?

माना जाता है कि मंत्रों को वेदों की ऋचाएं कहा जाता है, जो देवताओं का आह्वान करने का साधन बनते हैं। ऐसे में स्नान करते समय मां गंगा को श्रद्धांजलि देनी चाहिए। साथ ही भगवान शिव के कुछ विशिष्ट मंत्र भी जाप करें। इससे देवताओं को प्रसन्न कर सकते हैं और आपकी इच्छाएँ जल्दी पूरी हो जाएंगी। पुराणों और शास्त्रों में बताया गया है कि कुछ मंत्रों को पढ़ने से गंगा माता प्रसन्न होती है। माना जाता है कि मां गंगा ने स्वयं वचन दिया था कि जब किसी भी शुभ कार्य के लिए उनका आह्वान किया जाएगा तो वे जातक के कल्याण के लिए जरूर आएंगे।

1. गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।

नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु।।

2. गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि।
मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति।।

3. ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।।

कुछ इसी तरह गंगा स्रोत का गंगेय श्लोक भी बेहद पवित्र माना गया है। इस श्लोक मंत्र में माँ गंगा की पवित्रता का बखान किया गया है और अपने पापों से मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई है।

गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम् ।
त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम् ॥
देवि सुरेश्वरि भगवति गङ्गे त्रिभुवनतारिणि तरलतरङ्गे ।
शङ्करमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले ॥

इसके अलावा, जिन श्रद्धालुओं को ये मंत्र याद नहीं रहते वे महादेव के मंत्र बोल सकते हैं। माना जाता है कि मां गंगा इससे प्रसन्न होती हैं।

ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।

इसके अतिरिक्त जातक ‘ॐ नमः शिवाय’ का भी जाप कर सकते हैं। इस शिव वंदना के लिए पावरफुल मंत्रों में गिना जाता है।

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