Mr. Jagdeep Dhankhar: कोचिंग रिटर्न देने वाला एक समृद्ध उद्योग बन गया है
Mr. Jagdeep Dhankhar
- कोचिंग कल्चर किसी ‘गैस चैंबर’ से कम नहीं रह गया है- Mr. Jagdeep Dhankhar
- कोचिंग सेंटरों द्वारा अखबारों के विज्ञापनों पर किए जा रहे भारी-भरकम खर्च की जांच की जानी चाहिए- श्री जगदीप धनखड़
- श्री जगदीप धनखड़ ने अफसोस जताते हुए कहा कि चैंबर में चर्चा के लिए सभापति के अनुरोध को सदन के नेताओं द्वारा अस्वीकार और बहिष्कार करना संसदीय मर्यादा को कमजोर करता है और यह पहले कभी नहीं देखा गया।
- राज्यसभा में दिल्ली के कोचिंग सेंटर में यूपीएससी अभ्यर्थियों की मृत्यु पर चर्चा हुई
राज्यसभा में आज दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में जलभराव के कारण यूपीएससी अभ्यर्थी की दुखद मृत्यु पर राज्यसभा के नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा हुई। चर्चा की अनुमति देते हुए राज्यसभा के सभापति श्री जगदीप धाखड़ ने टिप्पणी की, “मुझे लगता है कि देश के युवा जनसांख्यिकीय लाभांश को पोषित करना अति आवश्यक है। मैंने पाया है कि कोचिंग अब व्यापार बन गया है…।”
“Coaching has become virtually commerce. Every time we read a newspaper, the front one or two pages are of their advertisements.”
Hon’ble Vice-President’s remarks in the Upper House on UPSC aspirants’ death due to drowning in a coaching centre in Delhi.
VP further said that he… pic.twitter.com/185Xm8VmAz
— Vice-President of India (@VPIndia) July 29, 2024
श्री धनखड़ ने कोचिंग सेंटरों द्वारा अखबार के विज्ञापनों पर किए जाने वाले भारी खर्च पर भी चिंता व्यक्त की, जो छात्रों से ली जाने वाली भारी फीस से किया जाता है। उन्होंने कहा, “कोचिंग उच्च रिटर्न के साथ एक समृद्ध उद्योग बन गया है….हर बार जब हम अखबार पढ़ते हैं तो पहले एक या दो पन्नों में कोचिंग विज्ञापन जरूर होते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “विज्ञापन पर खर्च किया गया एक–एक पैसा छात्रों की फीस से आ रहा है, हर नई इमारत छात्रों से आ रही है।”
कोचिंग कल्चर के कारण देश में बनाए गए साइलो की तुलना ‘गैस चैंबर्स‘ से करते हुए सभापति ने कहा, “हमारे देश में जहां अवसर बढ़ रहे हैं, ऐसे साइलो बड़ी समस्या बन रहे हैं… ये किसी गैस चैम्बर से कम नहीं हैं।” उन्होंने सदन के सदस्यों से युवाओं के लिए देश में उपलब्ध रोजगार और कौशल विकास के विभिन्न अवसरों के बारे में जागरूक करने का आग्रह किया।
“Coaching has become a flourishing industry with high returns… and the kind of advertisements, I said, need to be examined.
Every penny spent on advertisement is coming from the student.
Every new building is coming from the student!
So there is really a need for an approach… pic.twitter.com/hXePOIURdt
— Vice-President of India (@VPIndia) July 29, 2024
मैं सदस्यों से कहूंगा, ये अत्यंत गंभीर मुद्दा है!
जब विज्ञापन की बात आती है, तो आप और हम रोज़ देखते हैं,
अख़बार का पहला पन्ना कोचिंग,
दूसरा पन्ना कोचिंग,
तीसरा पन्ना कोचिंग…इतना भारी खर्चा कहां से आता है?
उस छात्र से आता है, जो अपने सपने को साकार करना चाहता है!कोचिंग एक… pic.twitter.com/ZOYYtFaLZK
— Vice-President of India (@VPIndia) July 29, 2024
सदन के कुछ दलों के नेताओं द्वारा सभापति के कक्ष में सदन की कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए सुझाव देने का बहिष्कार और विरोध की प्रथा पर अफसोस जताते हुए श्री धनखड़ ने कहा, “मुझे अपनी पीड़ा साझा करने दीजिए, मुझे अपना दर्द साझा करने दीजिए। सभापति जब सदन में माननीय सदस्यों से मिलने के लिए अनुरोध करते हैं तो उसे इस तरह मना किया जाना पहले कभी नहीं देखा गया। यह आचरण संसदीय मर्यादा को कमजोर करने वाला है। सदन के कुछ नेता यदि इस तरह सदन में सभापति का बहिष्कार करना चाहते हैं, तो यह निश्चित रूप से एक स्वस्थ परंपरा नहीं है।”
इससे पहले आज विभिन्न राज्यसभा सदस्य जैसे सुधांशु त्रिवेदी और स्वाति मालीवाल ने यूपीएससी के एक कोचिंग सेंटर में हुई दुखद मृत्यु के मामले पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया। सभापति ने नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा की अनुमति दी क्योंकि संसदीय कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू तो मामले को अति आवश्यक बताते हुए नियम 267 के तहत इस मामले पर चर्चा करने के लिए तैयार थे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष श्री मलिकार्जुन खड़गे और अन्य विपक्षी दल नियम 267 के तहत इस मामले पर चर्चा करने से असहमत थे। इसपर सभापति ने यह स्पष्ट किया कि नियम 267 के तहत किसी भी विषय पर तभी चर्चा की जाएगी जब सभी प्रमुख दल सहमत हों और पूरे सदन की आम सहमति हो।
SOURCE: https://pib.gov.in