
Vinay Saxena: एलजी विनय सक्सेना ने बताया कि दिल्ली में तापमान 52 डिग्री सेल्सियस हो गया है। दिन-प्रतिदिन भूजल स्तर घटता जा रहा है। यह हम सभी के लिए चिंताजनक है.
Vinay Saxena का बयान दिल्ली गर्मियों पर: दिल्ली में भीषण गर्मी की वजह से अब लोगों के शव मिलने लगे हैं। यह एक अत्यंत खतरनाक स्थिति है। इस बीच, एलजी विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली में जारी हीटवेव और पानी संकट के दुष्प्रभाव को लेकर एलजी विनय कुमार सक्सेना ने बड़ा बयान दिया है। “हम लोग धरती माता के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।”
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ एलजी ने असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में वृक्षारोपण अभियान के दौरान ये बात कही। भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने “एक पेड़ मां के नाम” के तहत पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लिया।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार ने कहा, “पिछले एक महीने से दिल्ली और पूरा देश भीषण गर्मी झेल रहाहैं।” राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को भी इसका सामना करना पड़ता है। दिल्ली में 52 डिग्री सेल्सियस का तापमान है। दिन-प्रतिदिन भूजल स्तर घटता जा रहा है। यह सभी को चिंतित करता है। इससे पता चलता है कि हम धरती माता के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं। मैं हर किसी से अपील करता हूं कि वह ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में शामिल होकर एक पौधा लगाए।”
“इस विचार के साथ पौधारोपण करें”
Delhi LG ने कहा कि आपके अभियान को सिर्फ पौधा लगाकर और फोटो खिंचवाकर नहीं समाप्त करना है। आपको उस पौधे की जिम्मेदारी इस भावना से लेनी चाहिए कि यह आपकी पहचान होगी और भविष्य में किसी को इसकी छाया में बैठने पर वह आपको धन्यवाद देगा। इस मौके पर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी लोगों से अपील की कि वे दिल्ली में पौधारोपण करें।
“अस्पतालों में भर्ती मरीजों की बड़ी संख्या”
दिल्ली में पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से भयंकर गर्मी है। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से गर्मी की वजह से पेयजल की कमी भी है। दिल्ली में अब गर्मी से लोगों के शव मिलने लगे हैं। दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में भारी संख्या में हीटवेव के मरीज भर्ती कराए जाएंगे। हीटवेव से पीड़ित मरीजों के लिए कई अस्पतालों (जैसे सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल, सर गंगा राम) में अलग-अलग सेल बनाए गए हैं या मरीजों का उपचार डॉक्टरों की विशेष टीम को सौंपा गया है।