Phule Movie Controversy: प्रतीक गांधी की फिल्म ‘फुले’ विवाद में घिरी, रिलीज डेट 2 दिन पहले टली, क्या है पूरा मामला?

Phule Movie Controversy: रिलीज से पहले ही प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की फिल्म ‘फुले’ विवादों में घिर गई है। महाराष्ट्र के कुछ ब्राह्मण संगठनों ने फिल्म को लेकर विरोध जताया है, जिससे इसकी रिलीज को पोस्टपोन कर दिया गया है। क्या है ये पूरा मामला, चलिए जानते हैं।
Phule Movie Controversy: हाल ही में प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की अपकमिंग फिल्म ‘फुले’ काफी चर्चा में है। ये फिल्म सावित्री बाई फुले, एक क्रांतिकारी ज्योति, के सामाजिक सुधार के संघर्ष पर आधारित है। फिल्म में अभिनेता प्रतीक गांधी महात्मा फुले की भूमिका निभाएंगे, जबकि अभिनेत्री पत्रलेखा सावित्रीबाई फुले की भूमिका निभाएगी। फिल्म की रिलीज पर चल रहे विवाद के कारण, फिल्म की रिलीज दो दिन पहले पोस्टपोन हो गई है। तो क्या है इस फिल्म से जुड़ा विवाद चलिए जानते हैं।
फिल्म “फुले” पर लगे आरोप
ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष आनंद दवे ने कहा कि फुले फिल्म जातिवाद फैलाती है। इतना ही नहीं, फिल्म के निर्माताओं और निर्देशकों ने पूर्व राज्य मंत्री छगन भुजबल से मुलाकात की। फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज़ होने के लिए फिलहाल टाल दी गई है।
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ट्रेलर रिलीज के बाद विवाद शुरू हुआ
फुले का बहुप्रतीक्षित ट्रेलर, जिसे जी स्टूडियो, डांसिंग शिवा फिल्म्स और किंग्समैन प्रोडक्शंस ने बनाया है, सोशल मीडिया पर उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है। ट्रेलर रिलीज होते ही आनंद दवे ने कहा कि फिल्म जातिवाद फैलाती है। साथ ही उन्होंने कहा कि फिल्म में अश्वेत ब्राह्मण समुदाय की सहायता दिखाई जानी चाहिए। आनंद दवे ने आगे कहा कि फिल्म में एकतरफा कहानी नहीं होनी चाहिए, बल्कि समावेशी होनी चाहिए।
सिनेमा निर्माता और निर्देशक छगन भुजबल से मिले
महात्मा फुले के जीवन पर आधारित फिल्म फुले के निर्माताओं और निर्देशकों ने मुंबई में राज्य के पूर्व मंत्री छगन भुजबल से मुलाकात की। फिल्म निर्देशक अनंत महादेवन ने कहा, ‘हर फिल्म में सिनेमाई स्वतंत्रता ली जाती है, प्रत्येक निर्देशक केवल उतना ही लेता है जितना फिल्म में दिखाया जाता है.’निर्देशक अनंत महादेवन के अलावा अनुया चौहान कुडेचा, रितेश कुडेचा और सह-निर्माता रोहन गोडाम्बे ने भी काम किया था।
छगन भुजबल ने क्या कहा?
पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने कहा- ‘यह महात्मा फुले के जीवन पर आधारित एक हिंदी फिल्म है। ऐसा लगता है कि निर्देशक और बाकी समूह ने बहुत मेहनत की है, इसलिए यह फिल्म सभी को देखनी चाहिए, महात्मा फुले एक महान शख्सियत थे, न केवल देश में बल्कि इसे पूरी दुनिया में पहुंचना चाहिए।’