पंजाब

सीएम भगवंत मान ने पंजाब का पहला लिवर इंस्टीट्यूट लोगों को समर्पित किया

Mohali : सीएम भगवंत मान ने आज पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर

एंड बिलियरी साइंसेज लोगों को समर्पित किया।

सीएम भगवंत मान ने गुरुवार को पंजाब के पहले इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलेरी साइंसेज (PILBS) का मोहाली में शुभारंभ किया। पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज की स्थापना संबंधी 2022 के बजट सैशन में घोषणा की गई थी और यह पंजाब का पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान होगा जो मरीजों को एंडोस्कोपी, फाइब्रोस्कोपी और एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड जैसी अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा। इस संगठन के विशेषज्ञ पंजाब के सभी सरकारी अस्पतालों में टेली-मैडीसन सेवाएं भी प्रदान करेंगे। हेपेटोलॉजी में प्रशिक्षण और अनुसंधान सुविधाओं के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से लैस किया गया है।
इस इंस्टीट्यूट की स्थापना 40 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से की गई है और इसमें 80 डॉक्टर, 150 स्टाफ नर्स और 200 ग्रुप-डी कर्मचारियों सहित लगभग 450 कर्मचारियों का स्टाफ होगा। प्रोफेसर वरिंदर सिंह जोकि हेपेटोलॉजी पीजीआई, चंडीगढ़ के पूर्व प्रोफेसर और प्रमुख है, को संस्था का डायरैक्टर नियुक्त किया गया है।
इस संस्थान में प्रदान की जाने वाली इनडोर और एमरजैंसी सेवाओं के माध्यम से लिवर संबंधी बीमारियों का विशेष रूप से इलाज किया जाएगा। इसका उद्देश्य पंजाब को पूरे देश में मैडीकल स्वास्थ्य सुविधाओं का केंद्र बनाना है।

आज यहां ‘पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसज़’ लोगों को समर्पित करने के बाद इक्ट्ठ को संबोधन करते हुये सीएम भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों के मौके पर राजनीतिज्ञ प्राईवेट संस्थाओं के कारोबार में से हिस्सेदारी लेते थे और इसके एवज़ में सरकारी संस्थाओं को बिल्कुल ही अनदेखा कर देते थे। सीएम भगवंत मान ने कहा, “यह राजनीतिज्ञ इतने लालसी और बेरहम थे कि इन्होंने सोची-समझी साजिश के अंतर्गत पंजाब का सरकारी स्वास्थ्य एवं शिक्षा ढांचा ख़त्म कर दिया था जिससे सरकारी संस्थाओं के दरवाज़े बंद होने के बाद आम व्यक्ति शिक्षा या इलाज के लिए मजबूर होकर प्राईवेट लोगों के पास पहुँचे। प्राईवेट अस्पतालों में कैंसर का इलाज इतना महँगा होता था कि कैंसर रोगी आर्थिक हालत के कारण इलाज ही नहीं था करवाता। यह लोग प्राईवेट संस्थाओं को लाभ कमाने के लिए आजादी देते थे और उस लाभ में से कमीशन लेते थे। दुखों से परेशान लोग निराशा के आलम में चले गए थे। परिवारवाद के मोह में डूबे इन राजनीतिज्ञों को कभी भी पंजाब का दर्द नहीं रहा जिस कारण पंजाब निवासियों ने इनको घर बिठा दिया।“

राज्य में अब सरकारी संस्थाओं की बेहतरी के लिए उठाये जा रहे कदमों का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने मिसाल के तौर पर बताया कि मोहाली में आज लोगों को समर्पित किया गया पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसज़ देश की दूसरी और पंजाब की पहली प्रतिष्ठित संस्था है जिसके पास इतनी आधुनिक मशीनें हैं कि किसी प्राईवेट अस्पताल के पास भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में 45 जच्चा- बच्चा देखभाल केंद्र स्थापित कर रही है जिनमें से 37 लोगों को समर्पित किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 664 आम आदमी क्लीनिक स्थापित किये गए हैं जहाँ इलाज बिल्कुल मुफ़्त है और यह बहुत संतोष की बात है कि अब तक एक करोड़ से अधिक लोग इलाज करवा चुके हैं।

पिछली सरकारों के हितोत्साहित करने वाले सिस्टम से नाराज़ हो चुके विदेश जाने वाले नौजवानों की ‘ वतन वापसी’ (रिवर्स माईगर्रेशन) की मिसाल देते हुये सीएम भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार ने दो सालों में 40,000 से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ दीं हैं जो पंजाब के इतिहास में रिकार्ड है। उन्होंने कहा कि यह नौकरियाँ हासिल करने वालों में वह नौजवान भी शामिल हैं जो विदेश में से वापस आकर सरकारी नौकरी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों के लिए रोज़गार के बड़े मौके पैदा करने के लिए राज्य में अधिक से अधिक निवेश लाने के यत्न किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो सालों में 70,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हो चुका है जिससे तीन लाख नौजवानों को रोज़गार मिलेगा।

 

Related Articles

Back to top button