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President Draupadi Murmu ने पंचायती राज संस्थाओं की अनुसूचित जनजाति की महिला प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की

President Draupadi Murmu News: पंचायती राज संस्थाओं की अनुसूचित जनजाति की महिला प्रतिनिधियों के एक समूह ने (6 जनवरी, 2025) राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केन्द्र में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।

President Draupadi Murmu: जनजातीय कार्य मंत्रालय और लोकसभा सचिवालय के सहयोग से राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा आयोजित ‘पंचायत से संसद’ पहल के तहत यह समूह दिल्ली में है।

President Draupadi Murmu ने समूह को संबोधित करते हुए कहा कि पंचायती राज संस्थाएं हमारे लोकतंत्र की आधारशिला रही हैं। वे जमीनी स्तर पर शासन और सामुदायिक विकास के लिए एक मंच प्रदान करती हैं। इन संस्थाओं ने महिलाओं के सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि देश भर में लगभग 14 लाख महिलाएं पंचायती राज संस्थाओं और ग्रामीण स्थानीय निकायों में निर्वाचित सदस्य के रूप में काम कर रही हैं, जो कुल निर्वाचित प्रतिनिधियों का 46 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि इस भागीदारी को और मजबूत करने के लिए, अधिकांश राज्यों ने आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है।

President Draupadi Murmu ने पंचायती राज संस्थाओं की अनुसूचित जनजाति की महिला प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की

President Draupadi Murmu ने कहा कि सरकार देश और उसके नागरिकों के समग्र विकास के लिए काम कर रही है। नागरिकों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे पात्र लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूक करें ताकि वे लाभार्थी बन सकें। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि बच्चों का समय पर टीकाकरण हो, गर्भवती महिलाओं को उचित पोषण मिले और बच्चे अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़ें। उन्होंने कहा कि वे दहेज, घरेलू हिंसा और नशे जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अभियान चलाएं।

President Draupadi Murmu ने महिला प्रतिनिधियों को पंचायतों में निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्भीक होकर निर्वाह करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि के रूप में उन्हें ग्रामीणों के आपसी विवादों को सुलझाने का अधिकार है। उन्हें इस अधिकार का समुचित उपयोग करना चाहिए और ग्रामीणों के बीच विवादों को पंचायत स्तर पर ही सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। इससे न केवल लोगों के संसाधनों और समय की बचत होगी बल्कि आपसी सौहार्द भी बढ़ेगा।

Source: https://pib.gov.in

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