Punjab News: केंद्र में नवगठित भाजपा सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू किए गए नए कानूनों का आज कुछ संगठनों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और कानूनों की प्रतियां जलाईं।
बाद में एसडीएम समराला ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा कि ऐसे कानून देश के हित में नहीं हैं और इन्हें रद्द करना चाहिए।
मांगपत्र में कहा गया है कि ये कानून औपनिवेशिक कानूनों में कुछ अतिरिक्त धाराएं जोड़कर स्वतंत्रता संग्राम की उपलब्धियों को नकारने के उद्देश्य से लाये गये हैं।
ये देश के नागरिकों के मौलिक और लोकतांत्रिक अधिकारों के साथ-साथ संविधान का भी उल्लंघन करते हैं। यह न्याय के नाम पर लोगों पर पुलिस राज थोपने का कदम है। उनका कहना था कि इन कानूनों के लागू होने से स्थिति खराब हो जाएगी। देश के नागरिक उत्पीड़न का शिकार होंगे और उनकी लोकतांत्रिक स्वतंत्रता और अधिकार खत्म हो जाएंगे।
सोमवार को बठिंडा में कई संगठनों ने नए आपराधिक कानूनों के खिलाफ रोष मार्च निकाला। जम्हूरियत अधिकार सभा ने आज से लागू आपराधिक कानून को तुरंत वापस लेने की मांग करते हुए जिला अधिकारियों को पत्र भेजा। इस अवसर पर लगभग 200 लोगों ने डीसी कार्यालय के गेट के सामने नए आपराधिक कानूनों की प्रतियां जलाईं।