Rang Panchami 2025: कल रंग पंचमी पर पूजा करें, जानें सही नियम और महत्व

Rang Panchami 2025: हिंदू धर्म में रंग पंचमी का त्योहार चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, होली के पांच दिन बाद। देवी-देवताओं की होली कहते हैं। इस दिन भगवान की विधि-विधान से पूजा करने पर घर में सुख-समृद्धि रहेगी।
Rang Panchami Puja Subh Muhurat 2025: हिंदू धर्म मेंं होली की तरह ही रंग पंचमी का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है, लेकिन रंग पंचमी का त्योहार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है, होली के पांच दिन बाद। मान्यता है कि इस दिन देवता होली खेलने आते हैं। देवी-देवताओं को इस दिन अबीर-गुलाल उड़कर आमंत्रित किया जाता है। देवी-देवताओं को भी पूजा जाती है।
इस पर्व को देव पंचमी या श्री पंचमी भी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर में राधा रानी के साथ रंग खोली खेली थी। इस दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी भी पूजा जाती हैं। इससे घर में खुशी का वातावरण बना रहता है। हिंदू धर्म शास्त्रों में आज के नियम भी हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए. साथ ही इसका महत्व क्या है।
रंग पंचमी कल है
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार आज रात 10 बजकर 9 मिनट पर चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि शुरू हो रही है। इसके अलावा, पंचमी तिथि 20 मार्च को रात 12 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में उदया तिथि है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, रंग पचमी का त्योहार कल यानी 19 मार्च मनाया जाएगा।
पूजा का शुभ समय
रंग पंचमी के दिन सुबह 4 बजकर 51 मिनट से ब्रह्म मुहूर्त शुरू होगा। 5 बजे 38 मिनट तक यह मुहूर्त चलेगा। विजय मुहूर्त इस दिन दोपहर दो बजे 30 मिनट से शुरू होगा। इस मुहूर्त का समय 3 बजकर 54 मिनट होगा। गोधूलि मुहूर्त इस दिन शाम 6 बजे 29 मिनट से शुरू होगा। 6 बजकर 54 मिनट तक यह मुहूर्त चलेगा। निशिता मुहूर्त इस दिन दोपहर 12 बजे पांच मिनट से शुरू होगा। 12 बजकर 52 मिनट तक यह मुहूर्त चलेगा।
पूजा विधि
रंग पंचमी के दिन स्नान करके साफ कपड़े पहनकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। फिर मंदिर को साफ करना होगा। फिर मंदिर में एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान कृष्ण और राधा रानी की तस्वीर या मूर्ति रखनी चाहिए। फिर गुलाब, अक्षत, चंदन चढ़ाना चाहिए। उनके सामने देसी घी का दीपक जलाना चाहिए. खीर, पंचामृत और फलों का भोग लगाना चाहिए. मंत्रों का जप करना चाहिए. अंत में आरती करके पूजा का समापन करना चाहिए. आखिरी में लोगों को प्रसाद देना चाहिए।
क्या करना चाहिए और क्या नहीं
रंग पंचमी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के अलावा श्रीकृष्ण और राधा रानी को भी पूजना चाहिए। दोनों को धन्यवाद देना चाहिए। कनकधरा स्त्रोत पढ़ना चाहिए। इस दिन भी श्रीकृष्ण और राधा रानी को गुलाल चढ़ाना चाहिए। सूर्य देव को लाल और बगलामुखी माता को पीला अबीर देना चाहिए। इस दिन देवताओं को अबीर-गुलाल चढ़ाना उचित है। इस दिन आपको हवा में रंगना चाहिए। इस दिन आपको मासांहार और तामसिक भोजन नहीं खाना चाहिए। इस दिन आपको काले कपड़े नहीं पहनना चाहिए। इस दिन आपको शरीर पर कोई रंग नहीं लगाना चाहिए।
रंग पंचमी का महत्व
रंग पंचमी पर रंग उड़ाने की पंरपरा है. मान्यता है कि ऐसा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. लोगों के दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं. जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. रंग पंचमी का त्योहर मनाने से शरीर की ऊर्जा संतुलित रहती है. जीवन में सकारात्मकता आती है