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Delhi Assembly Elections 2025: AAP ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाई, BJP के पन्ना प्रमुखों का  तोड़ निकाला

Delhi Assembly Elections 2025: AAP ने इस बार आरएसएस के पन्ना प्रमुखों को हराने के लिए अपने वॉलंटियर्स और बूथ की रणनीति को ही मजबूत करने की तैयारी की है, क्योंकि अगले साल दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव है।

Delhi Assembly Elections 2025: सियासी दलों ने अगले साल देश की राजधानी दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस इस बार 2024 की लोकसभा की रणनीति के तहत न्याय यात्रा से अपने अभियान की शुरुआत करने जा रही है, जबकि बीजेपी एक बार फिर RSS के पन्ना प्रमुखों के माध्यम से दिल्ली को जीतने की योजना बना रही है। साथ ही, इस बार AAP ने अपने वॉलंटियर्स और बूथ रणनीति को फिर से मजबूत करने के लिए तैयार हो गया है।

आम आदमी पार्टी 11 नवंबर से 20 नवंबर तक दिल्ली के चौबीस जिलों में एक लाख वॉलंटियर्स को शपथ दिलाने का कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। इसके लिए आपने हर जिले में पांच विधानसभाएं बनाई हैं। जिसमें अरविंद केजरीवाल प्रत्येक कार्यकर्ता को एक भाषण भी देंगे। दिल्ली आप के संयोजक गोपाल राय ने इस संबंध में सूचना दी है।

विधानसभा चुनाव को लेकर AAP ने रणनीति बनाई

बीजेपी ने दिल्ली के लोकसभा चुनावों में 7 सीटों पर जीत हासिल करने का श्रेय आरएसएस को दिया। उस समय बताया गया था कि कांग्रेस और आप के गठबंधन के बावजूद, आरएसएस के पन्ना प्रमुख और उनकी छोटी-छोटी बैठकों ने बीजेपी को दिल्ली में 7–0 से हराया था। यह देखते हुए, आपने 13637 बूथों को दिल्ली में बूथ इंचार्ज बनाने की योजना बनाई है।

अब आपको बताते हैं कि आप की इस नई रणनीति को अमलीजामा कैसे पहनाया जाएगा, जिससे बीजेपी के पन्ना प्रमुखों को टक्कर दी जा सके. इसके लिए AAP ने एक खाका तैयार किया है

दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP का क्या प्लान है?

13637 बूथ इंचार्ज होंगे

हर बूथ पर दस लोगों की एक टीम होगी

ये कमेटी 250 घर या 1000 व्यक्तियों को कवर कर सकेगी।

इसके अलावा, आप नेता और दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने बताया कि बूथ इंचार्ज और बूथ कमेटियों के काम पर नजर रखने के लिए भी 3500 मंडल अध्यक्ष बनाए जाएंगे, जिसकी पार्टी भी जल्द घोषणा करेगी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव कब होंगे?

जनवरी के अंत या फरवरी के पहले सप्ताह में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं। यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल कोई मूलभूत कमी छोड़ना नहीं चाहेंगे। यद्यपि चुनाव में दो से तीन महीने का समय बाकी है, चुनावी रणनीति पर तेजी से काम किया जा रहा है। यही कारण है कि आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के पन्ना अध्यक्षों का जवाब देने के लिए पूरा जोर लगाया है।

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