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Haryana news: बीजेपी सरकार अल्पमत में आने के बाद भी नहीं गिरेगी

Haryana news: हरियाणा में बीजेपी सरकार अल्पमत में आ गई है, लेकिन सरकार गिरने का खतरा नहीं है। उस नियम के बारे में भी हम इस लेख में बताएंगे जो सरकार को गिरने से बचाता है।

हरियाणा में बीजेपी सरकार अल्पमत में आ गई है, क्योंकि तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस लिया है। नायब सैनी सरकार को बहुमत न होने के बावजूद खतरा नहीं है। वास्तव में, 12 मार्च को नायब सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। अन्य मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई। फ्लोर टेस्ट इसके बाद हुआ था। सैनी सरकार ने सदन में अपना बहुमत सिद्ध किया।

नियम क्या कहता है?

नियमानुसार, दो फ्लोर टेस्ट के बीच कम से कम छह महीने का अंतराल होना चाहिए। सितंबर 2024 तक विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकेगा। हरियाणा में भी अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी की सरकार अल्पमत में होने के बावजूद सुरक्षित है। सैनी सरकार गिर नहीं जाएगी।

कांग्रेस को तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया

तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को हरियाणा में नायब सिंह सैनी की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया, जो लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा को हराया था। तीन विधायकों (सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर) ने चुनाव के दौरान कांग्रेस को समर्थन देने का निर्णय लिया है। रोहतक में एक संवाददाता सम्मेलन में, तीनों विधायकों ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में यह घोषणा की।

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री सैनी का इस्तीफा मांगा

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने कहा, ‘‘मैं यह भी कहना चाहता हूं कि (90 सदस्यीय) हरियाणा विधानसभा की मौजूदा क्षमता 88 की है, जिसमें से भाजपा के 40 सदस्य हैं।’’ भाजपा की सरकार पहले जननायक जनता पार्टी (जजपा) और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त करती थी, लेकिन जजपा ने अपना समर्थन वापस ले लिया और अब निर्दलीय भी भाजपा के साथ छोड़ रहे हैं। “नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार अब अल्पमत में है,” उन्होंने कहा। मुख्यमंत्री सैनी को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है, इसलिए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। उनका कहना था कि राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव होने चाहिए।

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