Type 2 Diabetes से लिवर और पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा बढ़ रहा है, स्टडी में खुलासा

हाल ही में Type 2 Diabetes होने से आपका ब्लड शुगर और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। खासकर पैंक्रियाटिक और लिवर कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए समय पर जांच करना महत्वपूर्ण है।
भारत में कैंसर और डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। Type 2 Diabetes को अब केवल ब्लड शुगर से नहीं जोड़ा जा सकता है। एक नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जिन लोगों को हाल ही में टाइप 2 डायबिटीज़ हुई है, उनमें लिवर और पैंक्रियाटिक कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यह खतरा अधिक है, खासकर महिलाओं में। यह अध्ययन आने के बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम लोग भी चिंतित हैं। डायबिटीज पहले सिर्फ शुगर की बीमारी थी, लेकिन अब लिवर और पेट संबधी आंतों का कैंसर होने का भी खतरा बढ़ गया है।
महिलाओं को पांच गुना अधिक खतरा
हाल ही में टाइप 2 डायबिटीज़ से पीड़ित महिलाओं में लिवर कैंसर का खतरा पांच गुना और पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। पुरुषों में पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा 74% अधिक है और लीवर कैंसर का खतरा चार गुना अधिक है।
डायबिटीज से होने वाले आंतों का कैंसर
साथ ही, अध्ययन ने पाया कि टाइप 2 डायबिटीज़ से आंतों का कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। नई डायबिटीज़ से पीड़ित महिलाओं में आंतों या बाउल कैंसर की संभावना 34% अधिक थी और पुरुषों में 27% अधिक। यानी डायबिटीज़ सिर्फ शुगर नहीं है, बल्कि कई तरह के कैंसर का खतरा भी है।
स्टडी में आश्चर्यजनक खुलासे
95,000 लोगों के यूके बायोबैंक के मेडिकल रिकॉर्ड की जांच इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने की। हाल ही में 23,750 लोग डायबिटीज़ से पीड़ित थे, जबकि 70,000 से अधिक लोग इस बीमारी से स्वस्थ थे। स्टडी में यह भी ध्यान रखा गया कि डायबिटीज की पुष्टि के बाद लोगों को अधिक मेडिकल टेस्ट करना कैंसर को जल्दी पता लगा सकता है। इसलिए केवल डायबिटीज़ के एक साल बाद कैंसर की पुष्टि हुई।
सभी कैंसर की संभावना नहीं बढ़ती
डायबिटीज से हर कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता है। डायबिटीज़ ने महिलाओं को एंडोमेट्रियल (गर्भाशय) कैंसर और पोस्ट-मेनोपॉज़ल ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम नहीं किया। इसका मतलब यह है कि डायबिटीज़ सिर्फ कुछ खास तरह के कैंसर की संभावना बढ़ाती है
महिलाओं को अधिक खतरा क्यों है?
शोधकर्ताओं का कहना है कि महिलाओं में कैंसर का खतरा पुरुषों से अधिक होने के कई कारण हो सकते हैं। हार्मोनल बदलाव, शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता और चर्बी का शरीर में अलग-अलग जमा होना इसकी कुछ संभावित वजहें हो सकती हैं।
कैसे बच सकते हैं?
हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी यह तय करना जल्दबाजी होगी कि डायबिटीज़ के मरीजों के लिए कैंसर की स्क्रीनिंग जरूरी है या नहीं. लेकिन स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाकर, वजन कंट्रोल में रखकर, हेल्दी डाइट लेकर और नियमित एक्सरसाइज करके इस खतरे को कम किया जा सकता है.