Union Minister Shivraj Singh Chouhan ने तेलंगाना में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया
Union Minister Shivraj Singh Chouhan
- आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बाढ़ के हालातों को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी बहुत ही संवेदनशील हैं, प्रधानमंत्री के निर्देश पर मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू पूरी संवेदना से काम कर रहे हैं:: श्री शिवराज सिंह चौहान
- श्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में राज्य सरकार पूरी सक्षमता और संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है और केन्द्र सरकार उन्हें भरपूर सहयोग करेगी : श्री शिवराज सिंह चौहान
- एसडीआरएफ के 3 हजार 448 करोड़ रूपए जिसमें केन्द्र का हिस्सा भी है, उससे तात्कालिक सहायता देने का काम किया जा रहा है : श्री चौहान
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान दो दिवसीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के दौरे पर हैं। श्री चौहान ने आज पहले आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्थित गन्नवरम विधानसभा क्षेत्र के केसारपल्ली का दौरा कर किसानों से बातचीत की। वहीं, तेलंगाना के मीनावलु, पेड्दागोपावरम, मन्नूनुर, कट्टलेरू बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की फसल क्षति का हवाई सर्वेक्षण किया और खम्मम व मुननेरु बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भी हवाई सर्वेक्षण किया। साथ ही, केन्द्रीय मंत्री ने खम्मम में आम जनता से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के संबंध में चर्चा की। इस दौरान श्री चौहान ने कहा कि हम तात्कालिक सहायता देने का काम कर रहे हैं। किसी को भी निराश होने की जरूरत नहीं है, हम मिलकर काम करेंगे और केन्द्र सरकार जनता को इस संकट से बाहर निकालेगी। राज्य सरकार के साथ केन्द्र सरकार खड़ी है और हम किसानों को हर संकट के पार निकाल कर ले जाएंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि तेलंगाना के खम्मम जिले में किसानों से उनके नुकसान के संबंध में चर्चा की। इस दौरान एक किसान बाढ़ में अपनी फसल नुकसान के बारे में बता रहा था, तभी कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उसे अपने पास बुलाया और गले लगाया, आंसू पौछें और हिम्मत देते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे भेजा है वो आपका दुख समझते हैं, फसल खोई है, जिंदगी नहीं खोने देंगे। किसान परिवार से हूँ, अपने किसान भाई का दुख महसूस कर सकता हूँ, लेकिन ये दुख, ये आँसू नहीं रहेंगे, उचित मुआवजा मिलेगा। किसान ने केन्द्रीय मंत्री से कहा कि आपने मध्यप्रदेश में किसानों के लिए बहुत किया है अब हमारा ख्याल रखिए। जिसके बाद श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सबसे पहले फसल क्षति का आंकलन कर जल्द ही उचित मुआवजा दिलाएंगे। बैंकों से कहेंगे कि संकट के समय किसानों से ऋण वसूली न करें। अगली फसल के लिए खाद बीज की कमी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि संकट अभूतपूर्व है, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी संवेदनशील हैं, हम राज्य सरकार के साथ मिलकर किसानों का जीवन सामान्य करेंगे।
श्री चौहान ने कहा कि आज किसान भाईयों के खेतों को देखा और उनके नुकसान की जानकारी ली। किसानों की पूरी फसलें – केला, हल्दी और सब्जियां नष्ट हो गई हैं। इस इलाके में किसान व्यापक पैमाने पर हॉर्टिकल्चर करते हैं और यहां लीज़ पर खेती करने वाले किसान भी हैं, लीज़ पर खेती करने पर किसानों को फसल का बड़ा हिस्सा या पैसा देना पड़ता है। उन्होंने अपनी लागत लगाई और फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है, लेकिन हम किसानों से ये कहने आए हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर राज्य के मुख्यमंत्री पूरी संवेदना से काम कर रहे हैं। इस दौरान केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने चार प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा – पहली – प्रारंभिक रूप से किसानों की सहायता करना है, दूसरी – फसल बीमा योजना का फायदा मिले इसका इंतज़ाम करना है, तीसरी – लीज़ पर जमीन लेकर काम करने वाले किसानों के लिए व्यवस्था करना है और चौथी – अगली फसल किसान कैसे ले पाए, ये मुद्दे हमारे सामने हैं, लेकिन इन मुद्दों पर मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में समाधान निकालेंगे।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बाढ़ के हालातों को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी बहुत ही संवेदनशील हैं और राज्य के मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू भी चिंतित हैं। श्री चौहान ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू की आंखों में मैंने आंसू देखें हैं। उन्होंने कहा कि नुकसान हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में राज्य सरकार पूरी सक्षमता और संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है और केन्द्र सरकार उन्हें भरपूर सहयोग करेगी। अभी एसडीआरएफ के 3 हजार 448 करोड़ रूपए, जिसमें केन्द्र का हिस्सा भी है, उससे तात्कालिक सहायता देने का काम किया जा रहा है। तात्कालिक सहायता के बाद अगली फसल के लिए किसान को कैसे खाद-बीज मिले उसके बारे में सरकार सोचेगी। किसानों की समस्याओं का समाधान करने के प्रयास लगातार जारी हैं।
source: https://pib.gov.in