आज हम आपको देश की उस महिला के बारें में बताने जा रहे हैं जो देश की पहली महिला बैरिस्टर बनीं और महिलाओं के हक के लिए लड़ी कई लड़ाई
देश की पहली महिला बैरिस्टर का नाम कोर्नेलिया सोराबजी था
कोर्नेलिया सोराबजी का जन्म 15 नवंबर, 1866 को महाराष्ट्र के देवलाली में एक पारसी परिवार में हुआ था
कार्नेलिया के पिता कारसेदजी, एक ईसाई मिशनरी थे और महिलाओं की शिक्षा के समर्थन में थे
सोराबाजी लंदन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ने और स्कॉलरशिप से वंचित कर दिया गया था क्योंकि वह एक महिला थी। बाद में उनके पिता ने उन्हें अपने पैसे से पढ़ाया
कॉर्नेलिया सोराबजी के पास योग्यता होने के बाद भी वह एडवोकेट नहीं बन पाईं क्योंकि उस समय ब्रिटिश कानून में महिलाओं को वकालत करने की इजाजत नहीं थी
साल 1923 में जब कानून बदला तब सोराबजी ने कोलकाता में बतौर एडवोकेट प्रैक्टिस शुरू की। साल 1929 में वो हाईकोर्ट से रिटायर हुई थी
वकील बनने के बाद कोर्नेलिया ने 600 से ज्यादा महिलाओं को इंसाफ दिलाने लड़ाई लड़ी