राज्यदिल्ली

Arvind Kejriwal ने अपनी पत्नी को दिल्ली का मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया? जवाब जानिए

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ने एक जनसभा में परिवारवाद के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पत्नी को राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है।

Arvind Kejriwal का कहना था कि आम आदमी पार्टी विचारपूर्वक उम्मीदवारों का चयन करेगी और आगामी विधानसभा चुनाव में सभी सत्तर सीटों पर स्वयं चुनाव लड़ेंगे।

AAP अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने एक जनसभा में स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी को मुख्यमंत्री बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि जेल में उनकी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाने की सलाह दी गई थी। लेकिन उनकी पत्नी राजनीति में दिलचस्पी नहीं रखती। केजरीवाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह परिवारवाद में विश्वास नहीं रखते और उनका कोई भी रिश्तेदार राजनीति में नहीं है। उनका कहना था कि AAP दिल्ली की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और उम्मीदवार को बहुत सोच-समझकर चुना जाएगा।

‘जो लोग मुझ पर परिवारवाद का आरोप लगा रहे थे…’

जनसभा में अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘जो लोग मुझ पर परिवारवाद का आरोप लगा रहे थे, उन्हें मैंने गलत साबित कर दिया और मैं परिवारवाद में बिल्कुल विश्वास नहीं रखता हूं.’ बीजेपी ने कोशिश की है कि साम दाम दंड भेद का कोई भी उपाय करके दिल्ली के कार्यों को रोक दें। मुझे गाली देते थे कि केजरीवाल मुफ्त रेवड़ी देता है, लेकिन अब उन्हें हमारी भाषा बोलनी पड़ी है। अब अमित शाह जी जा-जाकर बोलते हैं 200 यूनिट फ्री बिजली दूंगा।’

केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना बनाया

अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि पूरे देश में बीजेपी नेता चाहते हैं कि डबल इंजन की सरकार आए। डबल इंजन के चक्कर में नहीं जाना चाहिए; ये एक छलावा है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में दोहरी सरकारें हैं। लेकिन दिल्ली की तरह बीजेपी शासित राज्यों में बिजली, पानी, शिक्षा और चिकित्सा मुफ्त नहीं हैं।

जनता के बीच पहुंच रहे केजरीवाल

दिल्ली विधानसभा चुनाव के करीब आते ही अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली सरकार के कामों को लेकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं और लगातार उन्हें यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि किस तरीके से आम आदमी पार्टी ने जनता के साथ खड़े होकर उनके लिए काम किया है।

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